अशासकीय स्कूलों की अनुदान वापसी शिक्षा सचिव ने क्या कहा?

अशासकीय स्कूलों की अनुदान वापसी शिक्षा सचिव ने क्या कहा?
अशासकीय स्कूलों की अनुदान वापसी शिक्षा सचिव ये कहा

देहरादून: उत्तराखंड के अशासकीय स्कूलों के अनुदान को लेकर जारी विवाद के बीच शिक्षा सचिव आर.मीनाक्षीसुंदरम ने शिक्षा विभाग का रुख साफ किया है। शिक्षा सचिव ने कहा कि स्कूलों के अनुदान वापसी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।हालांकि स्कूलों की समीक्षा नियमित रूप से की जाएगी। जिन सरकारी और अशासकीय स्कूलों पर हर साल अरबों रुपये खर्च हो रहे हैं, उनकी समीक्षा जरूरी है।अशासकीय स्कूलों की समीक्षा और अनुदान को लेकर हाल में जारी आदेश के बाद से राज्य के अशासकीय स्कूलों के शिक्षक आंदोलन की तैयारी में हैं। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ 21 दिसंबर से आंदोलन की चेतावनी भी दे चुका है।संघ का कहना है कि सरकार को अनुदान वापस लेने का अधिकार नहीं है। यह जरूर है कि नए स्कूलों के अनुदान के लिए सरकार नए कानून बना सकती है।शिक्षा सचिव ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि अनुदान वापस लेने का फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।
स्कूलों की समीक्षा का आदेश प्रक्रिया का हिस्सा है। इस पर किसी को आपत्ति भी नहीं होनी चाहिए। दरअसल, सरकार हर साल शिक्षा पर काफी व्यय करती है। उसके परिणाम की समीक्षा भी जरूरी है।दूसरी तरफ, माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि अशासकीय स्कूलों को समीक्षा से कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन अनुदान वापसी की चेतावनियां देना गलत है।कम संसाधनों के बावजूद अशासकीय स्कूल बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि अशासकीय स्कूलों में संसाधनो को और बढ़ाए।
17 विवादित स्कूलों पर फैसला लेंगे सीएम : नियम विरुद्ध तरीके से अनुदान पाने वाले 17 अशासकीय स्कूलों के मामले की सीएम कार्यालय समीक्षा कर रहा है। गत 23 जनवरी को हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अमान्य तरीके से अनुदान सूची में लाए गए स्कूलों के आदेश निरस्त करने को सहमति दे दी थी। शिक्षा विभाग इस बाबत सीएम कार्यालय का फाइल भेज चुका है। अंतिम निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।