पारदर्शिता को साकार कर सरकार को जनता तक पहुंचाया सीएम त्रिवेन्द्र ने
देहरादून: सीएम त्रिवेन्द्र सिंह को उत्तराखंड की कमान संभाले साढ़े तीन साल से अधिक का समय बीत गया है। इस दौरान उत्तराखंड ने एक नया प्रशासनिक अनुभव देखा। शासन की गतिविधियों में पारदर्शिता देखी यही नहीं अपनी महत्वाकाक्षाओं के लिए उत्तराखंड को गिरवी रखने को तैयार राजनीतिज्ञों पर तगड़ी लगाम भी कसी। सरकारी फैसलों की जानकारी को अपना एकाधिकार समझने वाली नौकरशाही और स्वयं को शासक समझने वाले राजनीतिज्ञों के समक्ष यह नया उदाहरण था कि आज उत्तराखंड की सरकार जो फैसले लेती है उसकी खबर तत्काल मीडिया के साथ ही जनता तक भी पहुंच जाती है। यही नहीं सरकार के फैसलों की जानकारी जनता को देने के लिए बाकायदा सरकार के प्रवक्ता की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री को दी गई है। यही नहीं कैबिनेट की मीटिंग भी महज खानापूर्ति के लिए नहीं होती हैं। तय समय पर और पूरे एजेंडे के साथ कैबिनेट की मीटिंग होती रही हैं। उत्तराखंड के अब तक के मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल को देखें तो कैबिनेट के फैसलों के मामले में सीएम त्रिवेन्द्र सभी मुख्यमंत्रियों पर भारी पड़ेंगे। यह मुख्यमंत्री की डिसीजन मेकिंग क्षमता है जो तमान दुष्प्रचारों और षडयंत्रों के बावजूद भी अपनी पूरी क्षमता से अपने प्रशासनिक कौशल को साबित कर रहे हैं।