अरविंद केजरीवाल का बयान-मैंने सिसोदिया पर नहीं लगाए आरोप, CBI ने मांगी केजरीवाल की पांच दिन की कस्टडी, थोड़ी देर में आएगा फैसला
तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति केस में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया। जिसके बाद उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई ने कोर्ट से केजरीवाल की पांच दिन की कस्टडी मांगी है। जिस पर थोड़ी देर में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। लेकिन इससे पहले जान लीजिए कि आखिर सीबीआई ने क्यों केजरीवाल की गिरफ्तारी की। और साथ ही ये भी जानिए कि कोर्ट में केजरीवाल और सीबीआई में क्यों तीखी बहस हुई?
सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद ट्रायल कोर्ट में करीब 4 घंटे तक सुनवाई चली। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और उसके बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मीडिया में ख़बर चलाई जा रही है कि मैंने मनीष सिसोदिया पर कुछ आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ये सब गलत है। मैंने कहा था कि कोई भी दोषी नहीं है। केजरीवाल के ऐसा कहने पर सीबीआई के वकील ने कहा कि सूत्रों के मुताबिक नहीं, ये बात मैंने ही सुनवाई के दौरान कही है। और ये झूठ नहीं है। ये सब फैक्ट्स पर आधारित है।
आपको बता दें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान ही केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई थी। उनका शुगर लेवल गिरने के कारण कुछ देर के लिए उन्हें अलग रूम में भेज दिया गया था। कुछ देर बाद वो दोबारा कोर्ट रूम में वापस लौट आए।
केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को शराब नीति में मनी लॉंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान 10 मई से 2 जून तक उन्हें कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर भेजा था। दो जून को वो वापस तिहाड़ चले गए थे। अब 25 जून की रात को करीब 9 बजे सीबीआई ने तिहाड़ जाकर शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर उनसे पूछताछ की और 26 जून की सुबह उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश किया।
जानिए ट्रायल कोर्ट में क्या कुछ हुआ?
ट्रायल कोर्ट में गिरफ्तारी से पहले केजरीवाल की ओर से वकील विवेक जैन और विक्रम चौधरी पेश हुए। दूसरी ओर सीबीआई की तरफ से वकील डीपी सिंह ने अपनी दलीलें पेश की। दोनों पक्षों की दलीलों को वेकेशन बेंच के न्यायमूर्ति अभिषेक रावत ने सुना।
कोर्ट में सीबीआई ने कहा- हमें केजरीवाल की पांच दिन की कस्टडी चाहिए। इस केस से जुड़े आरोपी विजय नायर केजरीवाल के सहयोगी थे, लेकिन अब अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि वो नहीं जानते की विजय उनके अंडर काम करता था। केजरीवाल कह रहे हैं कि विजय आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अंडर काम करता था। केजरीवाल ने पूरा मामला सिसोदिया पर डाल दिया है। इस बारे में केजरीवाल से पूछताछ करनी होगी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि CBI सूत्रों के मुताबिक मीडिया में चलाया जा रहा है कि मैंने एक बयान दिया है कि मैंने अपना सारा दोष मनीष सिसोदिया पर मढ़ दिया है। केजरीवाल ने कहा कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। मैंने कहा था कि मनीष सिसोदिया निर्दोष है। AAP निर्दोष है। उन्होंने आगे कहा कि इनका सारा प्लान हमें मीडिया में बदनाम करने का है। इसे रिकॉर्ड किया जाए कि सीबीआई मीडिया में ये सब ना फैलाए।
इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि दिक्कत ये है कि जो मीडिया में कवर किया जाता है, वो टुकड़ों में होता है।
वहीं अरविंद केजरीवाल की इस टिप्पणी पर CBI ने कहा कि सूत्रों के मुताबिक कुछ नहीं चल रहा है। मैंने ही कोर्ट में फैक्ट्स के आधार पर ये दलील दी है।
केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि ये चाहते हैं कि फ्रंट पेज पर ये हेडलाइन हो कि केजरीवाल ने अपना ठीकरा मनीष सिसोदिया के सर पर फोड़ा है। ये टॉप हेडलाइन होगी अखबार की। ये लोग सनसनी फैलाना चाहते हैं।
कोर्ट में न्यायमूर्ति अभिषेक रावत ने कहा कि मीडिया सिर्फ एक लाइन ले लेती है और उसे चलाती रहती है। मीडिया को कंट्रोल करना मुश्किल है।
आपको बता दें कि ये सारी जिरह कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद हुई। गिरफ्तारी से पहले कोर्ट रूम में क्या कुछ हुआ वो भी जान लीजिए।
गिरफ्तारी से पहले अरविंद केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने कोर्ट में कहा कि सीबीआई ने न्यायिक हिरासत के दौरान केजरीवाल से पूछताछ की एप्लिकेशन कोर्ट में दी। कोर्ट ने इजाजत भी दी। लेकिन ये सब हमें नहीं बताया गया हमें मीडिया से पता चला।
केजरीवाल के दूसरे वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि हमें बिना बताए सब कुछ हो गया। ये चिंता का विषय है। हमें डॉक्युमेंट पढ़ने के लिए समय दीजिए और सुनवाई को कल तक के लिए टाल दीजिए।
इस पर सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने दलील दी कि कानून ये नहीं कहता कि जांच के लिए केजरीवाल के वकीलों को पहले बताना जरूरी है। यही बात के. कविता के केस में भी हुई थी। हमें सिर्फ कोर्ट से इजाजत की जरूरत होती है। हम इजाजत इसलिए ले रहे थे, क्योंकि केजरीवाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
इस पर न्यायमूर्ति अभिषेक रावत ने कहा कि चूंकि अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं। इसलिए CBI ने हमसे इजाजत मांगी। उन्हें उस वक्त गिरफ्तार नहीं किया गया था।
इसके बाद केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि हमें कोई मौका ही नहीं दिया गया है। हम बस सीबीआई एप्लिकेशन पर जवाब दाखिल करना चाहते हैं। हम जवाब दाखिल करेंगे तो कोई आसमान नहीं गिर जाएगा।
विक्रम चौधरी ने कहा कि अगर आज आप केजरीवाल को गिरफ्तार करने की इजाजत देते हैं, तो इसका ये मतलब होगा कि सीबीआई गोली चलाने के लिए आपके कंधे का इस्तेमाल कर रही है।
केजरीवाल के वकील इस दलील पर न्यायमूर्ति रावत ने कहा कि मैं आप से सहमत हूं। इन्हें गिरफ्तारी की वजह बतानी ही होगी।
तो सीबीआई के वकील ने डीपी सिंह ने कहा कि हम केजरीवाल की गिरफ्तारी अभी करेंगे। हमें गिरफ्तारी का एडवांस नोटिस केजरीवाल के पक्ष को देने की कोई जरूरत नहीं है। गिरफ्तारी के बाद के सभी डॉक्युमेंट्स और एप्लिकेशन इनसे शेयर किए जाएंगे।
इस पर न्यायमूर्ति रावत ने केजरीवाल के वकीलों से कहा कि ये रिकॉर्ड में सभी डॉक्युमेंट्स रखेंगे। और गिरफ्तारी से जुड़े जो भी डॉक्युमेंट आपको चाहिए, उसकी कॉपी आपको दी जाएगी।
अब नए मामले में गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी जमानत याचिका भी वापस ले ली है। दरअसल लोअर कोर्ट ने मनी लॉंड्रिंग केसम 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी। जिसके खिलाफ ईडी हाईकोर्ट पहुंची थी इसके बाद 25 जून को हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला बदल दिया था। इसी के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
इस मामले में जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट मे कहा कि केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है । दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 25 जून के लोअर कोर्ट के जमानत देने के फैसले को पलट दिया है ऐसे में अब हम हाईकोर्ट के 25 जून के फैसले के खिलाफ नई याचिका लगाएंगे। ऐसे में वो मौजूदा याचिका को वापस लेना चाहते हैं जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ED के वकील SV राजू की सहमति के बाद याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।