सुप्रीम कोर्ट की EVM को क्लीन चिट, बैलेट पेपर को कोर्ट की ना, VVPAT वैरिफिकेशन के लिए दायर सभी याचिकाएं खारिज

सुप्रीम कोर्ट की EVM को क्लीन चिट, बैलेट पेपर को कोर्ट की ना, VVPAT वैरिफिकेशन के लिए दायर सभी याचिकाएं खारिज

लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। इस फैसले के तहत मतदान EVM के जरिए ही होगा। बैलेट पेपर से मतदान की मांग को लेकर दायर याचिका भी खारिज कर दी गई है। इसके साथ ही VVPAT वैरिफिकेशन की मांग को लेकर दायर की गई सभी याचिकाएं भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी हैं।

सुप्रीम कोर्ट के ये फैसला देने से उस मांग को भी बड़ा झटका लगा है जिसमें ये कहा गया था कि EVM के जरिए डाले गए वोट की VVPAT की पर्चियों से सौ फीसद मिलान होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच की सहमति से दिया है।

ये है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM के जरिए ही होगा। EVM-VVPAT का शत-प्रतिशत मिलान नहीं किया जाएगा। वीवीपैट की पर्ची 45 दिनों तक सुरक्षित रहेगी। ये पर्चियां प्रत्याशियों के हस्ताक्षर समेत सुरक्षित रखी जाएंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया है कि इलेक्शन के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट्स को भी सीलकर सुरक्षित किया जाए। अपने निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि प्रत्याशियों के पास चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद टेक्निकल टीम की ओर से EVM के माइक्रो कंट्रोलर प्रोग्राम की जांच करवाने का विकल्प होगा, जिसे चुनाव घोषणा के सात दिनों के अंदर किया जा सकेगा।

जस्टिस खन्ना ने फैसला सुनाते हुए ये भी कहा कि VVPAT वेरिफिकेशन का खर्चा प्रत्याशियों को खुद ही उठाना पड़ेगा। कोर्ट ने आगे ये भी कहा कि अगर किसी भी स्थिति में EVM से छेड़छाड़ की गई या EVM को किसी तरह का नुकसान पहुंचा तो उसका हर्जाना भी भरना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर अविश्वास करना अनुचित संदेह को पैदा कर सकता है।

आपको बता दें कि मार्च 2023 में ADR यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने शत-प्रतिशत EVM वोट और VVPAT की पर्चियों का मिलान करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। इसी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने अब फैसला सुनाया है।

मौजूदा वक्त में VVPAT वैरिफिकेशन के तहत लोकसभा क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के सिर्फ पांच मतदान केंद्रों के EVM वोट और VVPAT पर्ची का मिलान किया जाता है। अप्रैल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में रैंडमली सिर्फ पांच EVM को सत्यापित करने की बजाय सभी EVM वोट और VVPAT पर्चियों की गिनती करने की मांग करने वाली याचिका पर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था।