स्व. सुंदर लाल बहुगुणा को भारत रत्न देने की केजरीवाल की मांग पर दिल्ली भाजपा के नेता ने की विवादित टिप्पणी, स्व. बहुगुणा के पुत्र ने दिया जवाब

स्व. सुंदर लाल बहुगुणा को भारत रत्न देने की केजरीवाल की मांग पर दिल्ली भाजपा के नेता ने की विवादित टिप्पणी, स्व. बहुगुणा के पुत्र ने दिया जवाब
स्व. सुंदरलाल बहुगुणा (File)

देहरादून: विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न सम्मान देने की मांग दिल्ली के सीएम और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने की है। इस पर भाजपा नेता के बयान से बवाल मच गया है। दरअसल केजरावाल की इस मांग पर इस पर दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने केजरीवाल पर हमला बोलते ट्विट कर कहा, “दिल्ली के महाठग अरविंद केजरीवाल ने “भारत रत्न” को रेवड़ी की पैकेट समझ रखा है जहां-जहां जाता है वहां बांट देता है।” 
इस पर दिल्ली सीएम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,” भाजपा मुझे जो गाली देनी है दे सकती है, लेकिन सुंदरलाल बहुगुणा जी के संदर्भ में ऐसी औछी बात करना सही नहीं है।”

अरविंद केजरीवाल ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर चिपको आंदोलन के प्रणेता रहे पर्यावरण कार्यकर्ता सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग की। बहुगुणा का इसी वर्ष 21 मई को निधन हो गया था।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 जुलाई को दिल्ली विधानसभा परिसर में सुंदरलाल बहुगुणा की याद में वृक्षारोपण और उनकी एक तस्वीर का अनावरण भी किया था। इस अवसर पर बहुगुणा परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे।  

बीजेपी नेता की टिप्पणी का  स्वर्गीय बहुगुणा के पुत्र ने दिया जवाब

बीजेपी नेता की इस टिप्पणी से आहत स्वर्गीय बहुगुणा के पुत्र और वरिष्ठ पत्रकार-चिंतक राजीव नयन बहुगुणा ने शोसल मीडिया के माध्यम से जवाब दिया है। उन्होंने लिखा " जब मेरे पिता की मिट्टी देह पर मेरे परिजन खादी के नए थान चिता अग्नि को अर्पित कर रहे थे , तो कमसे कम मुझे भली भांति विदित था , कि मेरे पिता को इससे कोई सरोकार नहीं । क्योंकि अब वह हैं ही नहीं।इसी तरह पीत चंदन अर्थात पीले संदल और घृत नैवेद्य को भी पल में अग्नि जिव्हाएँ चाट गईं ।मेरे पिता ने जीते जी कभी वस्त्र , धाम और धन की कामना नहीं की । अतः मरने के बाद उन्हें इन सब से क्या सरोकार हो सकता है ? मैं यह खूब जानता था । तब भी मैं इस समिधा समर्पण का विरोध नहीं किया , क्योंकि मुझे विदित था , यह सब कुछ हम उन्हें समर्पित नहीं कर रहे , अपितु अपने संस्कारों का प्रदर्शन कर रहे हैं । भला जिस मनुष्य ने जीते जी तमाम वैभवों को ठोकर पर रख आत्म निर्वासित जीवन जिया हो , उसे मरणोपरांत किसी सम्मान अथवा अन्न धन से क्या वास्ता ।
यह सब मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा मेरे पिता को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने की मांग , और उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप संघ परिवार के किसी लुच्चे के बयान के परिप्रेक्ष्य में लिख रहा हूँ ।केजरीवाल ने भी यही कहा , कि ऐसा कर हम उन्हें सम्मानित नहीं कर रहे , अपितु स्वयं सम्मानित हो रहे हैं ।क्या अमुक लुच्चे को यह विदित है कि मेरे पिता अपने मरने के 42 साल पहले पदम् सम्मान ठुकरा चुके हैं ? ऐसा दुस्साहस करने वाला हर मनुष्य जानता है , कि वह भविष्य में अपने लिए सरकारी सम्मान का रास्ता बन्द कर रहा है । तदनुसार मेरे पिता भी ब्लैक लिस्ट हुए , और घटना के कोई 30 साल बाद राहुल गांधी ने सुदूर टिहरी स्थित हमारे घर पर आकर उन्हें मनाने की विनम्रता दर्शाई । क्योंकि वह भी केजरीवाल की तरह ही एक पढ़ा लिखा , संस्कारवान नौ जवान है ।
और सुनो । मैं केजरीवाल की पार्टी का प्रचार करने नहीं जा रहा । लेकिन मेरी सेमपेथी , मेरा सॉफ्ट कॉर्नर उसके साथ है ।मैं केजरीवाल को छोटा भाई मानता हूं , और राहुल को भतीजा ।तुम गद्दारों की तरह नहीं , कि जो सत्ता के लालच में केजरीवाल के बेटे को भाई साहब और प्रियंका के शिशु को चाचा जी कहते हैं ।मुझे दैत्य संहार करना है । मुझे कोरोना , भूख , दंगा , गृह युद्ध और छद्म युद्ध मे अपने बान्धवों को बचाना है । इसके लिए मैं अपने योद्धा पिता की तरफ से कभी केजरीवाल , कभी ममता बैनर्जी तो कभी उद्धव ठाकरे के साथ खड़ा मिलूंगा ।
और जब हुकूमत में आकर ये भी तदैव करेंगे , तो इन्हें भी छीलता पाया जाऊंगा ।तुम फिलहाल महान स्वाधीनता सेनानी अटल विहारी वाजपेयी के लिए भारत रत्न मांगो । कोई कह रहा था कि उसे तो मिल भी गया । मुझे नहीं विदित । क्योंकि मैं माफी मांगे बगैर स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेज़ और राजाओं की ज़ेल काटने वाले स्वाधीनता संग्राम सेनानी का बेटा हूँ।"