जानिए कौन रहा बीजेपी को जोर का झटका देने का सूत्रधार? कांग्रेस के कई दिग्गजों को तो भनक भी न थी

जानिए कौन रहा बीजेपी को जोर का झटका देने का सूत्रधार? कांग्रेस के कई दिग्गजों को तो भनक भी न थी
जानिए कौन रहा बीजेपी को जोर का झटका देने का सूत्रधार? कांग्रेस के कई दिग्गजों को तो भनक भी न थी

देहरादून: कैबिनेट मंत्री का पार्टी छोड़कर जाना कोई छोटी बात नहीं है। यशपाल आर्य आखिर बीजेपी छोड़कर वापस कांग्रेस में चले गए। साथ में विधायक बेटे संजीव को भी ले गए। ये आज की सबसे बड़ी खबर है। लेकिन इससे भी बड़ी खबर ये है आर्य की घरवापसी कराने वाला कौन है? अंदरखाने से मिली जानकारी के मुताबिक हरीश रावत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को इस खेल की भनक तक नहीं थी। (इस बात का प्रमाण- गोदियाल ने सोमवार को साढ़े बारह बजे राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए वक्त मांगा था।)
ये खेला नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने किया।
हरीश रावत और गणेश गोदियाल को रविवार रात को आरजी (राहुल गांधी) की तरफ से फोन आया कि सुबह की फ्लाइट पकड़ें और दिल्ली पहुंचें। उत्तराखंड से बड़े चेहरे की दिल्ली में ज्वाइनिंग होनी है। इसके बाद अगली सुबह यानि सोमवार को गोदियाल और हरीश रावत फ्लाइट पकड़कर दिल्ली पहुंचे। प्रीतम सिंह तीन से दिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुके थे। इस खेले के भी बड़े मायने हैं।
प्रीतम का कद अलाकमान के आगे बढ़ा है। इस खेल में हरीश रावत और गोदियाल पिछड़ गए। इतना ही नहीं, अंदरखाने से पता लगा है कि प्रीतम सिंह ने देहरादून के रायपुर का किला भी फतह कर लिया है। विजयपताका एक-दो दिन में फहरेगी। रायपुर के विधायक उमेश शर्मा काउ जल्दी ही प्रीतम की अगुवाई में घरवापसी कर सकते हैं। ये भी खबर है कि प्रीतम सिंह बीजेपी में और गहरी सेंध लगाएंगे। उनके निशाने पर कई और बड़े नेता हैं। दूसरी तरफ हैरान-परेशान और सदा नाराज रहने वाले सतपाल महाराज भी कोपभवन में हैं। तुनकमिजाज हरक सिंह रावत की तो कहने ही क्या? खबर ये भी है कि बीजेपी में रच बस चुके सुबोध उनियाल ऋषिकेश से टिकट पाने के लिए पाला बदलने को मजबूर हो सकते हैं। उनको 2022 में नरेंद्रनगर सीट मुफीद नहीं लग रही है। वहां ओमगोपाल रावत का पलड़ा भारी लगता है। यहां ये बात समझने की है कि अगर बीजेपी ऋषिकेश-नरेंद्रनगर और डोईवाला सीट को सुबोध उनियाल के फॉर्मूले पर बांटती है तो बीजेपी का खतरा टल जाएगा। अगर नरेंद्र नगर से ही सुबोध को लड़ाया गया तो ओमगोपाल छिटक जाएंगे। यानि खतरा दोनों तरफ से है।
अंदरखाने खबर ये है कि उक्त नेताओं के साथ कुछ और भी प्रीतम सिंह के संपर्क में हैं। प्रीतम की अगुवाई में बड़े नेता पाला बदल लें ये हैरत की बात नहीं है क्योंकि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले सभी नेताओं की नाराजगी कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत से है। कांग्रेस में हरीश रावत को पटखनी देने वाले का हाथ ये प्यार से थाम सकते हैं।