चमोली की ऋषिगंगा आपदा पर रिपोर्ट: 'ग्लेशियर टूटने से परमाणु बम की तरह निकली ऊर्जा'
देहरादून: इसी साल की बीती 7 फरवरी को चमोली जिले में रैणीं के पास ऋषिगंगा और धौली गंगा नदी की आपदा ने जो तबाही मचाई उससे देश ही नहीं विदेश के भी शोधकर्ता इसके कारणों की पड़ताल में जुटे हैं। अब 50 से अधिक शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने इसे लेकर अपनी शोध रिपोर्ट प्रकाशित की है और बताया है कि वास्तव में इस प्राकृतिक आपदा के दौरान क्या हुआ होगा। इसे कई डाटा स्रोतों के आधार पर बनाया गया है जिसमें सेटेलाइट तस्वीरों से लेकर मौके के निरीक्षण शामिल हैं।
बीबीसी ने इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में के अनुसार इस त्रासदी की शुरुआत उत्तराखंड के चमोली ज़िले के 6 किलोमीटर ऊंचे शिखर रोंटी पीक से हुई थी जब180 मीटर मोटी और 500 मीटर चौड़ी ग्लेशियर के बर्फ़ की एक चादर अचानक टूट कर गिर गई थी। रिपोर्ट के अनुसार जब ये नीचे रोंटी घाटी में गिरी तो हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बमों से 15 गुना अधिक ऊर्जा निकली। और समूची बर्फ़ पिघल कर पानी बन गई। इसके बाद आए सैलाब ने घाटी में भारी तबाही मचाई।
इस रिपोर्ट को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- उत्तराखंड: भाजपा विधायक का पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर को लिखा कथित पत्र वायरल
- बड़ी खबर: सायबर सुरक्षा हेतु ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नम्बर 155260 जारी
- बिग ब्रेकिंग : आज कुछ कम मिले उत्तराखंड में नए कोरोना संक्रमित, पढ़ें आज का हेल्थ बुलेटिन
- मंगलवार से बंद है पिथौरागढ़-घाट नेशनल हाईवे, यात्री बेहाल
- बिग ब्रेकिंग : UKSSSC ने निकाली पटवारी और लेखपाल के 513 पदों पर विज्ञप्ति, जानें कब होगी परीक्षा