उत्तराखंड के इस जिले की पंचायतें होंगी प्रशासकों के हवाले, विभागीय मंत्री को भेजी गई फाइल

उत्तराखंड के इस जिले की पंचायतें होंगी प्रशासकों के हवाले, विभागीय मंत्री को भेजी गई फाइल
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देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 अक्टूबर में हो चुके हैं लेकिन हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) के चुनाव चूंकि बाकी प्रदेश से अलग समय पर होते हैं इसलिए अब यहां की पंचायतें प्रशासकों के हवाले होंगी। वहां ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 29 मार्च को समाप्त होने जा रहा है, जबकि जिला पंचायत का 16 मई और क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल 10 जून को खत्म होगा। पंचायतीराज एक्ट के मुताबिक कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले चुनाव न होने पर पंचायतों में छह माह के लिए प्रशासक बैठाए जा सकते हैं। इसे देखते हुए शासन कवायद में जुट गया है। 
विभागीय मंत्री को भेजी गई है फाईल
हरिद्वार में पंचायतों में प्रशासकों की तैनाती के सिलसिले में फाइल अनुमोदन के लिए विभागीय मंत्री अरविंद पांडेय को भेजी गई है। 13 जिलों वाले उत्तराखंड में हरिद्वार एकमात्र ऐसा जिला है, जहां पंचायत चुनाव अन्य जिलों के साथ नहीं हो पाते। वहां त्रिस्तरीय पंचायतों का गठन अन्य जिलों से सालभर बाद होता है। राज्य गठन के वक्त से ही यह क्रम बना हुआ है। यही कारण भी है कि अक्टूबर 2019 में हुए पंचायत चुनावों में हरिद्वार में चुनाव नहीं हो पाए थे। हरिद्वार में पिछले पंचायत चुनाव वर्ष 2015 के आखिर में हुए थे। जिले में 29 मार्च 2016 को ग्राम पंचायतों, 16 मई को जिला पंचायत और 10 जून को क्षेत्र पंचायतों की पहली बैठक हुई थी। त्रिस्तरीय पंचायतों की पहली बैठक से ही पांच साल का कार्यकाल शुरू होता है। इस लिहाज से वहां की त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल अब खत्म होने जा रहा है
हालांकि, हरिद्वार में पंचायत चुनावों के मद्देनजर पिछले वर्ष परिसीमन आदि की पहल शुरू की गई, मगर कुछ गांवों को शहरी क्षेत्रों में शामिल करने और नए नगर निकायों के गठन के कारण परिसीमन में देरी हुई। अब परिसीमन हो चुका है, मगर अभी वहां मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के साथ ही पंचायतों में आरक्षण का निर्धारण होना है। मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन को 31 मई की कट आफ डेट रखी गई है। अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं चुनावजैसी परिस्थितियां हैं, वह इशारा कर रही हैं कि हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव अक्टूबर-नवंबर तक ही हो सकते हैं। दरअसल, अप्रैल में पुलिस फोर्स कुंभ में तैनात रहेगी। वैसे भी जिले में पंचायतों की मतदाता सूची 31 तक तैयार होनी हैं। फिर कुछ वक्त आरक्षण के निर्धारण में लगेगा। जून में बरसात शुरू होने पर अगले चार माह तक चुनाव कराना मुश्किलभरा होगा। ऐसे में चुनाव के लिए परिस्थितियां अक्टूबर या फिर नवंबर तक ही बन सकती हैं।