खुशियों पर बज्रपात: स्कूल में ज्वाइनिंग लेने जा रही शिक्षिका की सड़क हादसे में मौत

खुशियों पर बज्रपात: स्कूल में ज्वाइनिंग लेने जा रही शिक्षिका की सड़क हादसे में मौत

अल्मोड़ा: नियति कभी ऐसे क्रूर मजाक इंसान के साथ करती है कि विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। नौकरी मिलने के बाद ज्वाइनिंग लेने जा रही शिक्षिका की एक सड़क हादसे में मृत्यु होने खबर से हर कोई स्तब्ध है। अल्मोड़ा के ग्राम पंचायत डांग जा रही सितारगंज निवासी शिक्षिका की रविवार को सड़क हादसे में मौत हो गई है। शिक्षिका अपने रिश्ते के जीजा के साथ स्कूटी पर सवार थी। ग्राम पंचायत चिनौनी के सक्लें के निकट सामने से आ रहे डंपर से बचने के लिए जीजा ने ब्रेक लगाया तो शिक्षिका गिरकर डंपर के टायर की चपेट में आ गई।
सितारगंज के अंजनियां निवासी सरिता (31)  पुत्री रामभरोसे की राजकीय प्राथमिक विद्यालय डांग में हाल ही में नियुक्ति हुई थी। वह पिछले दिनों कार्यभार ग्रहण करने के बाद रविवार को सितारगंज के साधुनगर निवासी अपने जीजा मुकेश सिंह के साथ स्कूटी से चौखुटिया पहुंचने के बाद कार्यस्थल ग्राम पंचायत डांग जा रही थीं।  मासी-चौखुटिया मोटर मार्ग पर दोपहर ढाई बजे सक्लें के निकट एक डंपर से बचने के लिए स्कूटी सवार ने ब्रेक लगाया तो शिक्षिका छिटककर डंपर के पिछले टायर की चपेट में आ गई।
उनकी मौके पर ही मौत हो गई। शिक्षिका के भाई और बहन उनका सामान आदि लेकर एक अन्य वाहन में पीछे आ रहे थे। घटना के बाद जीजा, भाई और परिजन सदमे में हैं। इधर, थानाध्यक्ष दिनेश नाथ महंत ने बताया कि डंपर और स्कूटी को कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं, बीईओ भारत जोशी ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है। 
बज्रपात हो गया खुशियों पर
सितारगंज के अंजनियां निवासी शिक्षिका सरिता राणा की हादसे में हुई मौत ने उनके परिवार की खुशियां छीन ली हैं। खेती किसानी कर किसी तरह जीविकोपार्जन कर रहे परिवार के लिए सरिता की शिक्षिका के पद पर नियुक्ति उम्मीद की किरण कम नहीं थी। गरीब परिवार की सरिता को सरकारी नौकरी मिलने पर बड़े सहारे की उम्मीद थी परंतु विधाता की गति न्यारी है जो परिजन उसे नई तैनाती स्थल पर खुशी खुशी विदा करने आए थे, उन्हें क्या पता था कि यह उनकी लाड़ली की अंतिम विदाई साबित होगी।
सरिता राणा के पिता रामभरोसे बुजुर्ग होने के साथ ही किसानी करते हैं। सरिता के भाई राजेंद्र सिंह भी किसानी करते हैं। रिश्ते के जीजा मुकेश सिंह ने बताया कि सरिता के घर की माली हालत कमजोर है। किसानी से किसी तरह जीविकोपार्जन होता है। सरिता के बीएड और टीईटी पास करने के बाद राजकीय प्राथमिक स्कूल डांग में पहली तैनाती मिलने पर परिवार में जश्न जैसा माहौल था।
परिजन अपनी लाडली को चौखुटिया तक तो सही सलामत पहुंचा आए थे लेकिन किसे पता था कि ये सफर कितना बड़ा दुख देगा। कार्यस्थल से तीन किलोमीटर पहले चिनौनी के सक्लें में सरिता हादसे का शिकार हो गई। हादसे के बाद चौखुटिया घाटी में भी शोक की लहर है। तमाम शिक्षकों ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मृतका के परिजनों की हरसंभव मदद की बात कही है।