पुलिसकर्मियों को मैदानी जिलों में भी मिल सकेगा साप्ताहिक अवकाश
देहरादून: उत्तराखंड में पहाड़ी जिलों के बाद अब मैदानी जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों को भी साप्ताहिक अवकाश मिलने की उम्मीद है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इस संबंध में एक पोस्ट अपने फेसबुक पेज पर शेयर की है। इसमें पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का खाका तैयार किया है। पुलिस महकमे को छोड़कर सभी विभागों को सरकारी कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश मिलता है। पुलिसकर्मी लगातार काम करते हैं। लगातार ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर है। कुंभ मेले के बाद जल्द ही उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिलने लगेगा।पुलिस महानिदेशक ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत नौ पर्वतीय जिलों में पुलिसकर्मियों को अवकाश मिलना शुरू हो गया है। बता दें कि फिलहाल पुलिसकर्मियों की ड्यूटी 12 घंटे की लगती है। एक सर्वे में पुलिसकर्मियों के काम करने का अधिकतम समय 13 घंटे से अधिक आया है। इसके अलावा रविवार को भी छुट्टी नहीं होती है।पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के अनुसार अपराधी तो छुट्टी पर जाता नहीं है। थाने और चौकियां सातों दिन 24 घंटे खुली रहती हैं। साल में एक महीने की छुट्टी भी पुलिसकर्मियों को मुश्किल से मिल पाती है। इसलिए अब नई योजना के तहत यह तय किया जाएगा कि काम के घंटे बढ़ा लें, लेकिन एक दिन का अवकाश जरूर दें। अभी तक पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व चंपावत में ही पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जा रहा था।
लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि पहाड़ में अपराध कम है। पहले हमारी प्राथमिकता में जनता है। लोगों को हमें अच्छा रिजल्ट देना है। अच्छी पुलिस व्यवस्था देनी है। पहाड़ों में भी साइबर क्राइम, ट्रैफिक, नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है। आनॅलाइन क्राइम बढ़ने से अब पहाड़ों में भी पुलिस की गतिविधि बढ़ती जा रही है।