रोजगार की निरंतरता बनाए रखने की कोशिश कर रही है योगी सरकार

रोजगार की निरंतरता बनाए रखने की कोशिश कर रही है योगी सरकार
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लखनऊ:राज्य में कोविड के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रदेश सरकार शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लोगों के रोजगार की निरंतरता बनाए रखने की कोशिश में भी जुटी है। पिछले साल की तरह लोगों के सामने रोजगार का संकट ना आए इस दिशा में अभी से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। दो मई को पंचायत चुनाव की मतगणना संपन्न होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम की मांग में भारी वृद्धि होने का अनुमान है।

इस बार प्रदेश सरकार द्वारा लाकडाउन या अन्य प्रतिबंध नहीं लगाने से ग्रामीण क्षेत्रों में अभी रोजगार के संकट जैसी कोई स्थिति नहीं बताई जा रही है। पंचायत चुनाव चलने के कारण भी ग्रामीणों की व्यस्ततता उसमें अधिक है, इसलिए भी काम की मांग में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं है।

दो मई के बाद मनरेगा से काम की मांग तेजी से बढ़ेगी
दो मई को पंचायत चुनाव संपन्न हो जाने के बाद गांवों में लोगों की दिनचर्या जब सामान्य होगी तब रोजगार की मांग बढ़ेगी। तब गांवों में गांव का अपना प्रधान होगा जिससे मनरेगा के तहत कामों का चयन भी आसान हो जाएगा। सरकारी कर्मचारी जो मनरेगा से जुड़े होते हैं वह भी उपलब्ध रहेंगे। माना जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण जो श्रमिक शहरों से गांवों में पहुंच रहे हैं वह भी बड़ी तादाद में मनरेगा के कामों से जुड़ेंगे। प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग कराकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का काम होगा।

उद्योग धंधे की निरंतरता से रोजगार का संकट टलेगा
इधर राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों के उद्योग-धंधों में लगे श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट ना हो इस पर राज्य सरकार ने पहले से ही उद्योगों को निरंतर चलाने के निर्देश दे रखे हैं। यहां तक कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी यह निर्देश है कि आवश्यक सेवाओ की आपूर्ति तथा उत्पादन व रोजगार की निरंतरता के लिए औद्योगिक इकाइयों को निरंतर चलाया जाए। यह प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी फैक्ट्री में उत्पादन बंद ना हो। इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि दवाएं, सेनेटाइजर, चिकित्सीय उपकरणों के साथ ही खाद्य पदार्थ, ब्रेड, बिस्किट, आटा, चावल, दाल, खाद्य तेल, चीनी, पीने का पानी, दुग्ध उत्पाद तथा अन्य जरूरी उत्पादों के उत्पादन पर कोई असर ना पड़े। इनके उत्पादन को और बढ़ाने के की कोशिश की जा रही है। खाद, कीटनाशक, बीज उत्पादन, कृषि संयंत्रों से संबंधित उत्पाद, डिटरजेंट एवं साबुन, साल्वेंट एक्सट्रैंक्शन, खाद्य प्रसंस्करण की इकाइयां आदि उद्योगों की क्षमता वृद्धि के आदेश भी दिए गए हैं।