BIG BREAKING हरियाणा: पहलवान साक्षी मलिक का बड़ा खुलासा, कहा-BJP नेता बबीता फोगाट ने करवाया बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन, वो बनना चाहती थी WFI अध्यक्ष
ओलंपियन साक्षी मलिक ने अपनी ऑटोबायोग्राफी विटनेस में कई खुलासे किए हैं। जिसके बाद बवाल मच गया है। साक्षी मलिक ने कहा कि विनेश और बजरंग पूनिया पर कहा है कि उन्होंने
लालच में आकर एशियाई गेम्स 2023 के ट्रायल्स में छूट ली। जिससे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बीजेपी सांसद बृजभूषण के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट के विरोध में रेसलर्स प्रोटेस्ट की छवि खराब हुई। साक्षी ने ‘विटनेस’ में ये भी दावा किया है कि पहलवानों को आंदोलन के लिए बीजेपी नेता और दंगल गर्ल बबीता फोगाट और सोनीपत से बीजेपी नेता तीर्थ राणा ने उकसाया। उन्होंने कहा कि इन दोनों ने उन्हें परमिशन दिलाई। साक्षी मलिक ने बताया है कि बबीता और राणा बृजभूषण को WFI अध्यक्ष पद से हटाकर खुद उस पर बैठना चाहते थे। साक्षी ने कहा कि हमें ये लगा था कि बबीता भी आंदोलन में बैठेगी।
वहीं इस मामले में विनेश फोगाट जो अब जुलाना से कांग्रेस एमएलए हैं, उनकी भी प्रतिक्रिया आई है। विनेश ने बिना नाम लिए सोशल मीडिया पर लिखा कि जो कुछ भी आप सुनते हैं, उस पर विश्वास मत करो। एक कहानी के हमेशा तीन पहलू होते हैं। आपका, उनका और सच।
चलिए आपको साक्षी मलिक की किताब के उन विषयों के बारे में थोड़ा और विस्तार से बताते हैं जिनमें विनेश-बजरंग, पहलवान आंदोलन, विनेश का ओलंपिक से बाहर होना, साक्षी मलिक के बचपन का किस्सा और बबीता फोगाट के बारे में क्या कुछ कहा गया है।
सबसे पहले बात विनेश और बजरंग की करते हैं। साक्षी मलिक ने बताया कि पहलवानों के आंदोलन के बाद WFI को सस्पेंड कर दिया गया और एडहॉक कमेटी कामकाज देखने लगी। जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी। उन्होंने कहा कि मुझे भी ईमेल करने को कहा गया लेकिन मैंने मना कर दिया। विनेश-बजरंग को कुछ लोगों ने प्रभावित किया। जिससे वो खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट लेने के बात करने लगे। साक्षी ने कहा है कि बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने का अच्छा असर नहीं पड़ा। इससे हमारे विरोध प्रदर्शन की छवि बुरी तरह से प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि इससे कुछ समर्थक ये सोचने लगे कि हम अपने स्वार्थ के लिए ये विरोध कर रहे हैं।
दूसरी बड़ी बात जो साक्षी मलिक ने ‘विटनेस’ में कही है वो ये कि पहलवानों के प्रदर्शन से तीन-चार दिन पहले हमारी एक जगह मीटिंग हुई थी। उस वक्त मुझे बबीता फोगाट का फोन आया था कि क्या मैं आ रही हूं। मैंने बजरंग को फोन किया तो बजरंग ने कहा कि मैं भी जा रहा हूं, तू भी आ जा। तब हमें पता चला कि हम ऐसे प्रोटेस्ट करने वाले हैं और इसकी परमिशन बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने दिलवाई थी। साक्षी मलिक ने कहा कि बबीता फोगाट और तीर्थ राणा चाहते थे कि बृजभूषण हटे और हम में से कोई वहां बैठ जाए। हम लड़कियों को इंसाफ मिलने की बात से खुश थे। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि 11 बजे हम बैठेंगे और एक बजे तक हमारी सुनवाई हो जाएगी। लेकिन आंदोलन लंबा चला।
साक्षी मलिक ने कहा कि अब हमने इतना जरूर कर दिया है कि अगर कोई यौन शोषण करेगा तो सौ बार सोचेगा कि कहीं ये भी जाकर आंदोलन ना कर दें। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई बहन बेटियों के लिए थी। जो स्पोर्ट्स में यौन शोषण होता है उस चीज को खत्म करने के लिए थी।
वहीं साक्षी मलिक ने ओलंपिक में विनेश के साथ साजिश पर बोलते हुए कहा कि पेरिस ओलंपिक में विनेश के साथ कोई साजिश नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सौ ग्राम तो क्या 10 ग्राम ज्यादा होने पर भी युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का नियम अनुमति नहीं देता। लेकिन उन्होंने कहा कि विनेश ने वजन घटाने के लिए विनेश ने अपने बाल काटे, कॉस्ट्यूम छोटा किया। उन्होंने कहा कि मैं भी उस दिन विनेश को देखकर दिन में कई बार रोई।
इस दौरान साक्षी मलिक ने अपने बचपन के किस्से के बारे में बात करते हुए बताया कि बचपन में ट्यूशन देने वाले शिक्षक ने मुझसे छेड़छाड़ की। उन्होंने बताया कि वो इस बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकीं क्योंकि उन्हें लगा कि वो उनकी गलती थी। साक्षी मलिक ने बताया कि मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला टीचर मुझे प्रताड़ित करता। वो मुझे क्लास लेने के लिए बेवक्त अपने घर बुलाता और कभी कभार मुझे छूने की कोशिश करता। मैं ट्यूशन क्लास के लिए जाने से डरी रहती लेकिन मैं अपनी मां को नहीं बता सकी।
वहीं साक्षी मलिक की इस ऑटोबायोग्राफी में बबीता फोगाट को लेकर जो कहा गया है उस पर महावीर फोगाट की प्रतिक्रिया भी सामने आई है जिसमें उनका कहना है कि बबीता का इससे कोई वास्ता नहीं है। बबीता का मकसद WFI का अध्यक्ष बनना नहीं था बल्कि वो खिलाड़ियों के पक्ष में थी। बबीता समझौता करवाना चाहती थी। द्रोणाचार्य अवॉर्डी और कुश्ती कोच महावीर फोगाट ने कहा कि चुनावों के बाद प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा की ओर से साक्षी मलिक के जरिए बयानबाजी की जा रही है। अपनी राजनीति चमकाने के लिए ये भाषा बोली जा रही है।