68 साल फिर से टाटा की हुई एयर इंडिया, रतन टाटा ने कहा 'वैलकम बैक'

68 साल फिर से टाटा की हुई एयर इंडिया, रतन टाटा ने कहा 'वैलकम बैक'
68 साल फिर से टाटा की हुई एयर इंडिया, रतन टाटा ने कहा 'वैलकम बैक'

आखिरकार एअर इंडिया की घर वापसी हो गई है। जेआरडी टाटा द्वारा शुरू की गई एयर इंडिया को 68 साल बाद फिर से टाटा ग्रुप 18,000 करोड़ रुपए में खरीद रहा है। इसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने किया। टाटा के हाथ एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी। दीपम के सेक्रेटरी तुहीन कांत पांडे ने कहा कि जब एअर इंडिया विनिंग बिडर के हाथ में चली जाएगी तब उसकी बैलेंसशीट पर मौजूद 46,262 करोड़ रुपए का कर्ज सरकारी कंपनी Air India Assets Holding Limited (AIAHL) के पास जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपए का कैश मिलेगा।
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने अपने ट्वीट में एअर इंडिया की बिड में टाटा ग्रुप के विनर बनने को बड़ी खबर बताया। उन्होंने कहा कि एअर इंडिया को नए सिरे से खड़ा करने में बहुत मेहनत लगेगी, लेकिन इससे एविएशन इंडस्ट्री में टाटा ग्रुप को बड़े कारोबारी मौके भी मिलेंगे। रतन टाटा ने कुछ उद्योगों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने की नीति के लिए सरकार की सराहना की।


मंदी से निपटने के लिए हुआ राष्ट्रीयकरण
1932 में जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की थी। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद दुनियाभर में एविएशन सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ था। ऐसे में मंदी से निपटने के लिए योजना आयोग ने सभी एयरलाइन कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करने का सुझाव दिया था।
आठ एयरलाइंस मिलकर AI और IA बनीं
मार्च 1953 में संसद ने एयर कॉर्पोरेशंस एक्ट पास किया। इसके बाद देश की आठ एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। उनमें टाटा एयरलाइंस भी शामिल थी। सभी कंपनियों को मिलाकर इंडियन एयरलाइंस और एअर इंडिया बनाई गई। एअर इंडिया को इंटरनेशनल और इंडियन एयरलाइंस को डोमेस्टिक फ्लाइट्स का जिम्मा दिया गया।