बाहरी मरीजों के कारण भी बढ़ रहे हैं उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मामले: सचिव

बाहरी मरीजों के कारण भी बढ़ रहे हैं उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मामले: सचिव

देहरादून:प्रदेश में ब्लैक फंगस को लेकर सचिव  डा पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसका कारण यह भी है कि एम्स ऋषिकेश में पंजाब, हरियाणा आदि बाहरी प्रांतों के मरीज भी ब्लैक फंगस का उपचार करा रहे हैं। यहां 100 से अधिक केस हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अधिकृत किया गया है। ताकि दवा व अन्य व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन हो सके। कहा कि इस उपचार में एमफोटरिसम बी का अहम रोल रहा है। प्रदेश को कोटे के हिसाब से 170 लाइफोसोमन मिली थी जिसमें 90 का उपयोग किया जा चुका है, और 430 एमफोटरिसम में से 261 का उपयोग किया जा चुका है। प्रदेश में इन इंजेक्शनों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए अन्य संस्थानों को भी आर्डर किया गया है ताकि किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के 118 मामले हैं जिसमें से 9 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। और पांच लोग डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। सरकार की कोशिश है हर हाल में इस तरह के संक्रमित लोगों की जान बचाई जा सके। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर सिर्फ बच्चों को प्रभावित करेगी तो ऐसा नहीं है। लेकिन इसमें अहम यह है कि 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों में से अधिकांश वैक्सीनेट हो चुके हैं। 18 साल से उपर के लोग भी वैक्सीनेट हो रहे हैं। और 18 साल से कम आयु वर्ग वाले बच्चे अभी वैक्सीनैशन की प्रक्रिया में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन आपूर्ति के लिए ग्लोबल टेंडरिंग के अलावा और भी रास्ते तलाशे जा रहे हैं। कोशिश है कि प्रदेश में जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगे।