निवेश जुटाने के लिए लंदन के बाद दुबई पहुंचे सीएम धामी

निवेश जुटाने के लिए लंदन के बाद दुबई पहुंचे सीएम धामी
निवेश जुटाने के लिए लंदन के बाद दुबई पहुंचे सीएम धामी

मुख्यमंत्री:  पुष्कर सिंह धामी वैश्विक निवेशक सम्मेलन में अधिक से अधिक निवेशकों की भागीदारी के लिए लंदन के बाद अब दुबई और अबूधाबी के भ्रमण पर हैं। सोमवार को वह शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और अधिकारियों की टीम के साथ दुबई एयरपोर्ट पर पहुंचे तो वहां प्रवासी भारतीय ने उनका पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस दौरान सीएम ने प्रवासियों से उत्तराखंड साल में एक बार आने का आह्वान किया।
सीएम ने उन सभी का आभार व्यक्त किया। इन्वेस्ट इन उत्तराखंड अभियान के तहत मुख्यमंत्री संयुक्त अरब अमीरात में उद्योगपतियों और प्रवासी भारतीयों से मिलेंगे। वह इस दौरान निवेश की संभावनाओं के लिए होने वाली बैठकों व रोड शो में निवेशकों से उत्तराखंड में निवेश करने की अपील भी करेंगे। एयरपोर्ट पर सीएम ने कहा, उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही योग व अध्यात्म की भूमि है। देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। हमें गर्व है कि हमारी जड़े उत्तराखंड से जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी उत्तराखंडियों का आह्वान करते हुए कहा कि वह साल में एक बार अपने प्रदेश उत्तराखंड जरूर आएं।

सीएम ने कहा, इससे उनकी भावी पीढ़ी को भी अपनी मातृभूमि से जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी। धामी ने कहा कि अब तक 40 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू हस्ताक्षरित हो चुके हैं। हमारा लक्ष्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2.50 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य है। हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये आशान्वित हैं।

कहा, सरकार ने अपने अप्रवासी भाई-बहनों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने व उनके निवेश प्रस्तावों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए सीएम कार्यालय में उत्तराखंड अप्रवासी प्रकोष्ठ बनाया गया है। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। आज विदेशों में भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

अब तक 40 हजार करोड़ के निवेश पर हो चुका एमओयूवैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए अब तक 40 हजार करोड़ के निवेश पर एमओयू हो चुका है। लंदन, बर्मिंघम और दिल्ली में हुए रोड शो में निवेशकों के साथ निवेश पर करार किया गया। सरकार ने निवेशक सम्मेलन के लिए 2.50 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। सम्मेलन से पहले लगभग 30 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने की रणनीति बनाई गई है।