उत्तराखंड: बिजली बिलों में गड़बड़ी पकड़ी जाने पर अधिकारियों की होगी जवाबदेही, 15 से 30 सितंबर के बीच लगेंगे शिविर

उत्तराखंड: बिजली बिलों में गड़बड़ी पकड़ी जाने पर अधिकारियों की होगी जवाबदेही, 15 से 30 सितंबर के बीच लगेंगे शिविर
उत्तराखंड: बिजली बिलों में गड़बड़ी पकड़ी जाने पर अधिकारियों की होगी जवाबदेही, 15 से 30 सितंबर के बीच लगेंगे शिविर

देहरादून: उत्तराखंड में बिजली बिलों में गड़बड़ी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इन गड़बड़ियों को दूर करने के लिए प्रदेशभर में 15 से 30 सितंबर के बीच शिविर लगाए जाएं। मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने उर्जा निगमों में कार्यों की गुणवत्ता एवं सुधारों के प्रति ध्यान देने के साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी के साथ काम करने के निर्देश दिए। कहा कि कार्यों की धीमी प्रगति के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित कर इसे परफारमेंस इंडिकेशन से जोड़ा जाए।
निर्देश दिए कि उर्जा निगमों के कार्यकलापों में तेजी लाने और गुणात्मक सुधार के लिए टेक्निकल परफॉर्मेंस की व्यवस्था की जाए। उन्होंने ऊर्जा निगमों के स्तर पर संचालित परियोजनाओं एवं योजनाओं में टेक्निकल परफारमेंस ऑडिट की व्यवस्था सुनिश्चित करने, संचालित विद्युत परियोजनाओं का पर्यवेक्षण के साथ एसओपी तैयार करने, पुरानी विद्युत परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर हुए व्यय तथा इससे उपलब्ध विद्युत क्षमता विकास का विवरण तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शहरों के विस्तारीकरण के साथ पावर स्टेशनों की स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता का मास्टर प्लान तैयार करने को कहा। उन्होंने लाइन लॉस के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, विद्युत स्टेशनों की स्थापना, विद्युत लाइनों से संबंधित वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों के निपटारे में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश में उद्योगों को बिजली कटौती का सामना न करना पड़े, इसकी प्रभावी व्यवस्था की जाए।
योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाएं
मुख्यमंत्री ने अंडर ग्राउंड केबलिंग एवं स्मार्ट मीटर योजना के क्रियान्वयन में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित योजनाओं का विवरण तैयार करने के साथ ही लखवाड़ व्यासी जमरानी आदि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी लाने को कहा। जरूरत पड़ने पर इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा एवं सिंचाई मंत्रियों से भी वार्ता करने को कहा। सचिव ऊर्जा सौजन्या ने ऊर्जा के तीनों निगमों और उरेडा की कार्य प्रगति, संचालित परियोजनाओं एवं योजनाओं की स्थिति विद्युत उत्पादन, खपत, भावी योजनाओं और आय व्ययक के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, अपर सचिव इकबाल अहमद, प्रबंध निदेशक दीपक रावत व अधिकारी मौजूद रहे।