उत्तराखंड के कृषि उत्पादों की अब जिलेवार होगी खास पहचान, केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी

उत्तराखंड के कृषि उत्पादों की अब जिलेवार होगी खास पहचान, केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी
उत्तराखंड के कृषि उत्पादों की अब जिलेवार होगी खास पहचान, केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी

देहरादून:राज्य में कृषि उत्पादों से अब हर जिले की खास पहचान होगी। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) के तहत प्रत्येक जिले से कृषि उत्पादों का चयन किया गया। केंद्र ने भी इन उत्पादों को मंजूरी दे दी है। इससे किसानों को भी उपज का उचित मूल्य के साथ उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। कृषि विभाग की ओर से जिले के हिसाब से चयनित कृषि उत्पादों को केंद्र ने मंजूरी दे दी है। अब इन उत्पादों को एक अलग पहचान मिलेगी। देहरादून में बेकरी कारोबार लंबे समय से हो रहा है, लेकिन उस हिसाब से उत्पाद को बढ़ावा नहीं मिला है। ऐसे ही टिहरी जिले में अदरक, चमोली जिले में माल्टा, उत्तरकाशी में सेब, ऊधमसिंह नगर जिले में आम का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है, लेकिन मूल्य संवर्धन न होने के कारण किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है। अब पीएमएफएमई योजना के तहत सरकार चयनित उत्पादों के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देगी। जिससे जल्द खराब होने वाले उत्पादों को प्रसंस्करण कर अन्य खाद्य वस्तुएं बनाई जाएगी। 
प्रदेश में ये है उत्पादों के उत्पादन की स्थिति
प्रदेश में चौलाई (रामदाना) का सालाना उत्पादन 6268 मीट्रिक टन है। इसी तरह सेब का 57753 मीट्रिक टन, मशरूम का 13500 मीट्रिक टन, माल्टा व नींबू प्रजाति के फलों का 90922 मीट्रिक टन, हल्दी का 14181 मीट्रिक टन, आम का 154031, खुमानी का 28026, अदरक का 48467 मीट्रिक टन उत्पादन होता है। चमोली जिले में मत्स्य उत्पादन सबसे अधिक होता है। प्रदेेश में लगभग 50 मीट्रिक टन उत्पादन किया जाता है। 
जिलावार चयनित उत्पाद 
जिला        -     चयनित उत्पाद 
हरिद्वार     -      मशरूम
उत्तरकाशी   -       सेब आधारित जैली, जैम, चटनी, कैंड, जूस
देहरादून       -     बेकरी उत्पाद
नैनीताल     -      फलों का जूस व स्कवैश
पौड़ी         -      माल्टा व नींबू प्रजाति फल
पिथौरागढ़   -       हल्दी
ऊधमसिंह नगर    - आम
अल्मोड़ा      -      खुमानी आधारित जैम, चटनी, अचार
बागेश्वर      -      कीवी 
टिहरी       -       अदरक
चमोली      -       मत्स्य 
रुदप्रयाग     -      चौलाई (रामदाना)