अब उत्तराखंड में भी होम आइसोलेशन में रह सकेंगे कोरोना संक्रमित

अब उत्तराखंड में भी होम आइसोलेशन में रह सकेंगे कोरोना संक्रमित
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 देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती तादाद के कारण अब सरकार ने कोरोना संक्रमितों को होम आईसोलेशन में रहने की मंजूरी दे दी है। अभी तक कोरोना संक्रमण पाए जाने पर उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा था। प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा 10 हजार होने को है। जिनमें से कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या तीन हजार से अधिक है। वहीं 6 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। बता दें कि प्रदेश में 17 कोविड अस्पताल और हेल्थ सेंटर है। वहीं जिलों में 363 कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 25 हजार से अधिक बेड की क्षमता है। जबकि प्रदेश में तीन हजार कोरोना मरीज भर्ती है। 
 होम आईसोलेशन की हो रही थी मांग
प्रदेश में इलाज की पर्याप्त व्यवस्थाओं के बावजूद भी संक्रमित मरीजों की ओर से होम आईसोलेशन की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने होम आईसोलेशन की अनुमति दे दी है। इसके लिए संक्रमितों मरीजों को घर में पर्याप्त व्यवस्था होने का पत्र देना होगा। वहीं, सर्विलांस टीम के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। 

  • होम आइसोलेशन में बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों को ही रखा जाएगा। होम आइसोलेशन की अवधि 17 दिन की होगी।
  • कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज का परीक्षण करेगी। उसके बाद यह तय होगा कि मरीज को होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है या नहीं। होम
  • आइसोलेशन में रखे जाने से पहले मरीज को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 
    स्वास्थ्य विभाग हर दिन फोन कर मरीज के स्वास्थ्य की निगरानी करेगा। 7 दिनों की अवधि के अंतिम दस दिनों में बुखार या अन्य कोई लक्षण न आने पर होम आइसोलेशन समाप्त किया जाएगा। इसके बाद मरीज को टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • होम आइसोलेशन के लिए मरीज के घर में हवादार कमरा और अलग शौचालय होना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इसका परीक्षण भी करेगी। घर में ऐसी व्यवस्था न होने पर मरीज को कोविड केयर सेंटर में रखा जाएगा।
  • होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज की देखभाल के लिए घर में तीमारदार का होना भी जरूरी है। मरीज के घर में अगर 65 वर्ष से अधिक आयु, गंभीर बीमारी से पीड़ित या गर्भवती महिला सदस्य हैं या फिर उन्हें किसी जानकार के घर में ठहराने की व्यवस्था करनी होगी। 
    कारण यह कि कोरोना संक्रमण इनके लिए घातक हो सकता है।
  • दिशा-निर्देश पुस्तिका में  देखभालकर्ता के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। 

प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। कोविड केयर सेंटर एक तरह से खाली है। लोगों की मांग को देखते हुए हमने प्रदेेश में होम आईसोलेेशन की मंजूरी दे दी है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में औद्योगिक क्षेत्र होने से संक्रमण की संभावना रहती है। इसके लिए विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।
- त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री