पंजाब में पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामलों में लगभग 30 प्रतिशत कमी आई

पंजाब में पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामलों में लगभग 30 प्रतिशत कमी आई
पंजाब में पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामलों में लगभग 30 प्रतिशत कमी आई

आनलाइन डेस्क। पंजाब में पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामलों में लगभग 30 प्रतिशत कमी आई है। पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने कृषि, विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण, पेडा के अधिकारियों और डिप्टी कमिश्नरों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए किसानों को पराली न जलाने के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने के निर्देश दिए।
जंजुआ ने डिप्टी कमिश्नरों को पराली जलाने को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों में योगदान देने वाले किसानों का सम्मान करने के लिए भी कहा। बैठक के दौरान डिप्टी कमिश्नरों ने बताया कि सेटेलाइट सिस्टम द्वारा हर आग की घटना को दिखाया जाता है, जबकि वास्तव में राज्य में इस बार बड़े स्तर पर पराली की बेलिंग की गई है और जिस जगह पर बेलिंग के बाद तटबंधों के नज़दीक आग लगाई गई उसे भी सेटेलाइट सिस्टम ने आग का पूरा आंकड़ा पेश कर दिया है।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कृषि विभाग को हिदायतें जारी की कि 30 नवंबर तक सब्सिडी पर दी गईं मशीनों के पैसे लोगों के खातों में भेजे जाने सुनिश्चित बनाए जाएं। इसके साथ ही मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने कृषि विभाग को हिदायतें जारी की कि पराली की संभाल के लिए ब्लाक स्तर पर जरूरत के अनुसार मशीनों की किस्मों संबंधी पूरा डाटा तैयार करके भेजा जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंचायतों और कोआपरेटिव सोसायटियों को पराली संभालने के लिए यंत्र और मशीनें सब्सिडी पर अधिक से अधिक मुहैया करवाई जाएं।
डिप्टी कमिश्नरों द्वारा दिए गए सुझाव कि पराली संभालने वाली मशीनों को चलाने के लिए ज्यादा हार्सपावर के ट्रैक्टरों की जरूरत होती है, इस पर बैंक लोन नहीं देते संबंधी मुख्य सचिव ने ज्यादा हार्सपावर वाले ट्रैक्टरों पर लोन दिलाने के लिए बैंकों के साथ बातचीत करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए।बैठक में यह भी विचार सामने आया कि उद्योगों द्वारा पराली के इस्तेमाल के लिए राज्य सरकार और किसानों की मदद की जा रही है, इसलिए उद्योगों को सब्सिडी पर बेलर मुहैया करवाने के लिए केंद्र के समक्ष मुद्दा उठाया जाएगा।
इस मौके पर सख़्त निर्देश जारी करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि जिन फर्मों ने पराली की संभाल के समय खऱाब हुई किसानों की मशीनों की रिपेयर नहीं की उनके खि़लाफ कार्रवाई की जाए। मीटिंग के दौरान भठ्ठों में इस्तेमाल के लिए एकत्र की गई पराली को संभालने के लिए तुरंत प्रयास किए जाएं एवं इस संबंधी दिशा-निर्देश डिप्टी कमिश्नरों को जारी किए गए। गौरतलब है कि 1 मई, 2023 से भठ्ठों में पराली का इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा।