बड़ी खबर: त्रिवेन्द्र कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक, लिए गए ये बड़े फैसले

बड़ी खबर: त्रिवेन्द्र कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक, लिए गए  ये बड़े फैसले
CM Trivendra Singh Rawat (File Pic)

देहरादून: शुक्रवार शाम सीएम आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट में 16 विषय आए थे, जिनमें एक को स्थगित कर दिया गया। 
ये फैसले लिए गए कैबिनेट में

-राज्य के प्रीमैट्रिक स्तर के 42 हजार से ज्यादा छात्रों की पिछले दो साल की छात्रवृत्ति सरकार खुद अदा करेगी। समाज कल्याण विभाग की विभिन्न छात्रवृत्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया को भी सरकार ने इस साल के लिए सरल कर दिया।

-कुंभ मेले में तय समय पर सभी निर्माण कार्य पूरे करने के लिए सरकार ने कमिश्नर और मेलाधिकारी के अधिकार भी बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। 
-राज्य की 21 कार्यदायी संस्थाओं में से यूपी राजकीय निर्माण निगम और यूपी समाज कल्याण निर्माण निगम बाहर
- एडीबी से मिली 132 एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी वर्तमान एजेंसी मैंसर्स कैंप को वर्ष 2018 की दर पर ही दिया
- हरिद्वार भी संतों को भूमि समाधि के लिए ध्यानकुंज के पास सिंचाई विभाग की 4.384 हैक्टेयर भूमि दी जाएगी
- गांव अथवा बीडीसी क्षेत्र निकाय में शामिल होने पर पंचायत प्रतिनिधि की सदस्यता खत्म न होगी, पंचायत एक्ट में संशोधन पर मुहर
- अल्मोड़ा में चौखुटिया ब्लॉक में सिंचाई विभाग की 0.26 हैक्टेयर जमीन सेंट्रल स्कूल को निशुल्क मिलेगी
- पर्यटन विकास परिषद में एसई, ईई का एक-एक और एई-जेई के दो-दो तकनीकी पद भी स्वीकृत
- बजट सलाहकार के रूप में एलएन पंत को नियुक्ति को मंजूरी, एक मार्च 2020 से 28 फरवरी 2020 तक पद को दी गई स्वीकृति
- कैबिनेट ने राज्य औषधि नियंत्रण सेवा नियमावली भी मंजूर की
- आरईएस की वित्तीय क्षमता पांच करोड से बढ़ाकर 15 करेाड़ रुपये की, निकाय में कार्य करने पर सेंटेज नहीं दिया जाएगा

बचा रहेगा पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल
राज्य कैबिनेट ने पंचायत क्षेत्र को शहरी क्षेत्र में शामिल किए जाने के बावजूद पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बरकरार  रखने पर मुहर लगा दी है। अब तक किसी भी पंचायत प्रतिनिधि का निवास स्थान यदि निकाय में शामिल हो जाता था, तो उसकी सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाती थी। कई बार बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य के मामले में उनका आधा निर्वाचन क्षेत्र बरकरार रहने के बावजूद सदस्यता जाने से विवाद रहता था। अब सरकार ने ऐसे मामलों में पंचायत प्रतिनिधियों को राहत दे दी है। यदि पंचायत प्रतिनिधि का कुछ हिस्सा भी, शेष है तो उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी।