गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज व विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ

गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज व विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ
गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज व विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ
लखनऊ : योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ विश्वविद्यालय तथा चिकित्सा व शिक्षा सहित विभिन्न लोक कल्याणकारी सेवा प्रकल्पों के लिए शासन की पूर्वानुमति के बिना खरीदी गई 49.4014 हेक्टेयर भूमि को विनियमित करने पर मुहर लगा दी है। राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला हुआ। बैठक के आखिर में जब यह प्रस्ताव कैबिनेट के विचार के लिए पेश किया गया तो अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री बैठक से उठकर चले गए। उनकी अनुपस्थिति में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बैठक की अध्यक्षता की। यह जमीन गोरखपुर की सदर तहसील के सोनबरसा व सिक्टौर गांवों में श्री गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय, गोरखनाथ मंदिर की ओर से खरीदी गई है।
उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के मुताबिक गैर कृषिक प्रयोजन के लिए 12.5 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने के लिए शासन की पूर्वानुमति जरूरी है। उप्र राजस्व संहिता की धारा-89(3) में व्यवस्था है कि इस सीमा से अधिक जमीन का अर्जन यदि लोक कल्याणकारी या औद्योगिक प्रयोजन के लिए हो और किसी पंजीकृत सोसाइटी या किसी कंपनी या शिक्षण संस्था या किसी पूर्त संस्था के पक्ष में हो तो राज्य सरकार उसे विनियमित कर सकती है। राजस्व विभाग ने कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव पेश किया था कि संस्था द्वारा जमीन खरीदने की कार्योत्तर स्वीकृति सर्किल दर के 10 प्रतिशत जुर्माने से छूट देते हुए प्रदान कर दी जाए।