उत्तराखंड में कोरोना के सारे पुराने रिकॉड टूटे, भारी पड़ा यह सप्ताह

उत्तराखंड में कोरोना के सारे पुराने रिकॉड टूटे, भारी पड़ा यह सप्ताह
Demo Pic

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना काल के 21वें सप्ताह में पुराने सभी रिकॉर्ड टूट गए। इस सप्ताह न केवल राज्यभर में सबसे अधिक मौतें हुईं, बल्कि नए मरीजों की संख्या भी सबसे अधिक रही। हालांकि, ठीक होने वालों का आंकड़ा भी पहले के मुकाबले अधिक रहा है। सोशियल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन की ओर से जारी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार

  • , दो से आठ अगस्त के बीच कोरोना ने कई नए रिकॉर्ड बनाए। इस सप्ताह राज्य में सर्वाधिक 31,732 सैंपलों की जांच हुई। 1,955 नए मरीज मिले, 1,633 लोग ठीक भी हुए।
  • इसी सप्ताह 34 मरीजों की मौत हुई। इससे पहले के हफ्तों में इतने मरीज नहीं मिले और इतनी रिकवरी कभी नहीं हुई थी। मौत का रिकॉर्ड भी एक सप्ताह में 20 मरीजों का था।
  • राज्य में पहला मरीज 15 मार्च को आया था। फाउंडेशन के अनूप नौटियाल बताते हैं कि पिछले चार महीनों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी है। कुछ दिनों में संक्रमण के बढ़ते मामलों और मौतों ने चिंता जरूर बढ़ाई है। यहां जांच का दायरा बढ़ाने की जरूरत है।
  • कोरोना संक्रमण के बाद मौत की रफ्तार पर यदि नजर डालें तो पिछले दो सप्ताह में ही तकरीबन आधी मौतें हुई हैं। इस दौरान कुल 54 लोगों की संक्रमण के बाद जान गई। कोरोना काल के 20वें सप्ताह में 20 लोगों की मौत हो गई थी।
  • 21वें सप्ताह में कुल 34 लोगों की जान गई। संक्रमण के बाद युवाओं के मरने के ज्यादातर मामले भी 20 जुलाई के बाद ही सामने आए हैं।
  • यदि घर में कोई बीमार है तो ऐसे लोगों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे समाज में फैलाव की ओर है। लिहाजा, ज्यादा बीमार और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग कोरोना के चपेट में आ सकते हैं।
  • मजबूत इम्युनिटी वाले लोग तो कोरोना वायरस का वार झेल पा रहे हैं। लेकिन बीमार-कमजोर लोगों के लिए खतरा लगातार बढ़ रहा है।
  • राज्य में 30 जून तक मृतकों की संख्या 41 थी। जुलाई में यह संख्या बढऩे लगी और अब आंकड़ा सौ के पार हो गया है।
  • हालांकि, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी का कहना है कि संक्रमण के बाद मरने वाले अधिकांश लोग पहले से ही किसी दूसरी बीमारी यानि कंबोर्डिटिज से ग्रसित थे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पिछले कुछ दिनों में मौत का आंकड़ा बढ़ा है। बताया कि बीमार और कमजोर लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है।