उत्तराखंड: महंगी हुई शराब, अब देसी ठेके पर भी मिलेगी बियर

उत्तराखंड: महंगी हुई शराब, अब देसी ठेके पर भी मिलेगी बियर
सांकेतिक तस्वीर

देहरादून: उत्तराखंड में देशी और विदेशी शराब 18 से 20 फीसदी तक महंगी हो गई है। ई टेंडरिंग के जरिए किए जाने वाले आवेदनों का शुल्क भी दस हजार रुपये बढ़ा दिया है। इसके साथ ही दुकानों का अधिभार बढ़ना भी तय है। कैबिनेट ने आबकारी नीति को मंजूरी देते हुए इस बार ई लाटरी के बजाय ई टेंडरिंग से शराब की दुकानों का आवंटन करने का फैसला लिया है। दरअसल, ई लाटरी व्यवस्था में एक ही व्यक्ति कई नाम से पर्ची डालता था। अब ई टेंडरिंग में संबंधित दुकान के लिए निर्धारित शुल्क से सबसे ज्यादा रकम लगाने वाले व्यक्ति के नाम पर दुकान छूटेगी। पहले आवेदन शुल्क 40 हजार था जिसे अब 50 हजार रुपये कर दिया है।
पहली बार सरकार ने शराब की दुकानों को एक के बजाय दो साल तक देने का फैसला लिया है। अगले साल शुरूआत में राज्य में विधान सभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे नई पालिसी लागू करने में दो-तीन माह का विलंब पूर्व में होता रहा है, लेकिन नई व्यवस्था से अब यह असर नहीं पड़ेगा। शहरी क्षेत्रों में पूर्व की भांति सुबह दस बजे से रात 11 बजे जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह दस से रात दस बजे तक दुकानें खुलेंगी।
देशी ठेकों में वीयर अनिवार्य
सरकार ने देशी ठेकों की दुकानों में वीयर बेचने के लिए अनुमति दे दी है। अगले वित्तीय वर्ष से  देशी शराब के सभी ठेकों से बीयर अनिवार्य रूप से बिकेगी। राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कसरत की है। 
मौजूदा वित्तीय वर्ष में राजस्व का नुकसान
मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने 3460 करोड़ राजस्व का टारगेट रखा था, लेकिन कोविड के इस लक्ष्य के पास तक नहीं पहुंच पाई है। दिसंबर, 20 तक 2287 करोड़ का राजस्व जुट पाया है, अब तीन माह में अधिकतम 500 करोड़ तक ही राजस्व मिलने की उम्मीद है।