उत्तराखंड ने सरल और मृदुभाषी अधिकारी खो दिया

उत्तराखंड ने सरल और मृदुभाषी अधिकारी खो दिया
उत्तराखंड ने सरल और मृदुभाषी अधिकारी खो दिया

रुडकी। रुडक़ी में तहसीलदार के पद पर तैनात सुनैना राणा की शनिवार को नैनीताल से लौटते हुए नजीबाबाद के पास हुए हादसे में मौत हो गई। इस दुखद हादसे में उनके ड्राइवर और अर्दली की भी मौत हो गयी। हादसा उस वक्त हुआ, जब नैनीताल से रुड़की आ रहा वाहन यूपी में नजीबाबाद के पास पूर्वी नहर  गंगगनहर में जा गिरा।  मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने तहसीलदार के सरकारी वाहन और शवों को बाहर निकाला गया। वहीं, हादसे में तहसीलदार समेत तीन लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने  गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगतों की आत्मा की शांति और शोक संतप्त स्‍‍‍‍‍‍‍‍वजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। इस घटना के बाद से शहर में शोक ही लहर है। दिवंगत सुनैना राणा के विषय में सभी का कहना है कि उन्होंने एक मृदुभाषी अधिकारी खोया दिया है। रुडक़ी तहसीलदार के पद पर वैसे तो सुनैना राणा का कार्यकाल ज्यादा नहीं रहा। जून में सुनैना राणा ने रुडक़ी तहसीलदार का पद ग्रहण किया था। लेकिन मात्र चार माह के छोटे से समय में ही वह अपने स्टॉफ और अन्य लोगों की चहेती अधिकारी बन गई थी।

सुनैना राणा समय की पांबद अधिकारी थी। अपने साथ के कर्मचारियों का ख्याल रखने में भी वह सबसे आगे रहती थी। कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी सुनैना राणा लोगों की मदद करने में सबसे आगे दिखी। तहसीलदार के साथ तैनात पुलिस कर्मी प्रवीण ने बताया कि वह अपने काम को पूरा करने के लिए रविवार के दिन भी काम करती थी। तहसीलदार कार्यालय में तैनात पीआरडी के जवान संजीव ने बताया कि अच्छी नहीं बहुत अच्छी अधिकारी थी। वह हमसे खाना खा लिया कि नहीं तक भी पूछा करती थी। रुडक़ी एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोमर ने बताया कि अधिवक्ताओं के साथ भी तहसीलदार का व्यवहार बहुत अच्छा था। एडवोकेट संजीव कुमार का कहना है कि सुनैना राणा एक मृदुभाषी अधिकारी थी। वह सभी की समस्या को सुनती और हल करती थी।