बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में एक नवंबर से खुलेंगे स्कूल, त्रिवेन्द्र कैबिनेट में लिया गया फैसला

बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में एक नवंबर से खुलेंगे स्कूल, त्रिवेन्द्र कैबिनेट में लिया गया फैसला
बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में एक नवंबर से खुलेंगे स्कूल, त्रिवेन्द्र कैबिनेट में लिया गया फैसला

देहरादून:बुधवार को हुई  त्रिवेन्द्र कैबिनेट में स्कूलों को दोबारा खोलने को लेकर बड़ा फैसला किया गया गया है। कैबिनेट के निर्णय के मुतबिक उत्तराखंड में स्कूल एक नवंबर से खोले जाएंगे। पहले चरण में सिर्फ 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए ही स्कूल खुलेंगे। स्कूलों के खुलने से पहले इन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में आबकारी विभाग में ट्रेक एंड ट्रेस प्रणाली लागू करने को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है। 
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। बैठक में त्रिवेंद्र कैबिनेट ने स्कूलों को खोलने को लेकर बड़ा फैसला लिया।

कैबिनेट के अन्य फैसले

हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय 2016 संशोधन प्रस्ताव पर लगी मुहर

अटल बिहारी वाजपेई हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय किया गया नाम,

आबकारी विभाग में मदिरा की बिक्री के लिए ट्रेक एंड ट्रेस प्रणाली होगी शुरू,

उद्योग विभाग की सेवा नियमावली में संशोधन,

उत्तराखंड पुलिस आर मोहरीर संशोधन नियमावली संशोधन 2020 में संशोधन,

उत्तराखंड नागरिक सुरक्षा चयन नियमावली में संशोधन,

कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए एक साल तक सभी की सैलरी से एक एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
सीएम, मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस और आईऑफएस अधिकारियों को छोड़, बाकी कर्मचारियों की अब कटौती नहीं की जाएगी।

राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयो को अनुदान दिए जाने को लेकर कैबिनेट में किया गया चर्चा।
जिस पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी।

उत्तराखंड नागरिक सुरक्षा अधीनस्थ चयन आयोग नियमावली में संशोधन।

राजकीय महाविद्यालय में छात्र निधि का समुचित उपयोग और प्रबंधन के लिए बनाई गयी नियमावली।

पीरुल नीति के तहत, पीरुल इकट्ठा करने पर पहले एक रुपए प्रति किलो का दाम तय है जिसे बढ़ाकर अब 2 रुपये किया गया।

वर्ग 4 भूमि और वर्ग 3 की भूमि को लेकर साल 2016 में कमेटी बनी थी। जिसके बाद फिर कुछ कमेटी बनाई गई थी लिहाजा अब उसका निर्णय लिया गया है कि वर्ग 3 की भूमि 132 धारा के तहत ना हीं रेगुलाइज किया जाएगा, ना ही मालिकाना हक दिया जाएगा।

1983 और उससे पहले से कब्जे धारी को 2004 के तहत पढ़ने वाली सर्किल रेट का मात्र 5% देना होगा।