मिलिए कोरोना के नन्हे विजेता से, 12 दिन में कोरोनो को हराया 7 माह के इस मासूम ने

मिलिए कोरोना के नन्हे विजेता से, 12 दिन में कोरोनो को हराया 7 माह के इस मासूम ने
फोटो साभार amarujala.com

देहरादून: ये जो फोटो में मासूम है, यह कोई साधारण बच्चा नहीं है। यह है कोरोना का शायद सबसे छोटा विजेता। सात महीने के इस बच्चे ने 12 दिन में कोराना को  मात दे दी। तीन दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद भी इस बच्चे ने जीवन की जंग जीत ली। स्वस्थ होने पर डॉक्टरों ने शुक्रवार को बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे देकर परिजनों को सौंप दिया। बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल के अन्य स्टाफ का आभार जताया है।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बाल रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल कौशिक ने मीडिया बताया कि गत 18 अप्रैल को एक परिवार अपने सात महीने के बच्चे को लेकर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा था। बच्चा कोरोना संक्रमित था। जिस पर उसे तत्काल बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की देखरेख में भेजा गया। 
डॉ. कौशिक ने बताया कि बच्चे के शरीर में कृत्रिम ऑक्सीजन लगाने के बाद भी ऑक्सीजन का स्तर 80 प्रतिशत था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शरीर में नमक की कमी होने की वजह से भी बच्चे को दौरे पड़ रहे थे। एक्स-रे में निमोनिया भी दिखाई दिया। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए बाल रोग विभाग की टीम ने आनन-फानन उसे वेंटिलेटर पर रखा। तीन दिन बाद कुछ सुधार होने पर बच्चे को वेंटिलेटर से निकालकर आईसीयू में ऑक्सीजन पर रखा गया।
साथ ही पहले दो दिन आईबी फ्लुड के जरिये और उसके बाद दो दिन नलकी से फीडिंग कराई गई। फिर मां का दूध पीने के लिए डॉक्टरों की टीम ने सहमति दी। इसके बाद गुरुवार बच्चे की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव पाई गई और वह मां का दूध भी ठीक तरीके से पीने लगा था। 
डॉ. कौशिक ने बताया कि यह परिवार मूल रूप से हल्द्वानी के रहने वाला है। बच्चे के पिता पांवटा (हिमाचल) में किसी फैक्टरी में काम करते हैं। वहां प्राथमिक अस्पतालों में दिखाने के बाद देहरादून के छोटे बड़े तमाम अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद दून अस्पताल पहुंचे। जहां बाल रोग विभाग की टीम ने बच्चे को स्वस्थ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।