अमेरिका ने पहली मुस्लिम महिला को बनाया फेडरल जज, कौन हैं नुसरत जहां चौधरी?

अमेरिका ने पहली मुस्लिम महिला को बनाया फेडरल जज, कौन हैं नुसरत जहां चौधरी?

अमेरिका की सीनेट ने फेडरल जज के तौर पर पहली मुस्लिम महिला नुसरत जहां चौधरी के नामांकन को मंजूरी दे दी है। वह अमेरिकी सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू) की पूर्व अटॉर्नी रही हैं। 46 साल की चौधरी न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए UFS कोर्ट जज के रूप में काम करेंगी। उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बांग्लादेशी-अमेरिकी और महिला मुस्लिम संघीय न्यायाधीश बनाया गया है।

कंजरवेटिव डेमोक्रेट जो मनचिन ने उनके खिलाफ वोट किया है। उनका मानना था कि नुसरत जहां चौधरी के पिछले कुछ बयान पक्षपाती रहे हैं। इससे पहले भी माचिन दो अन्य लोगों के नाम का विरोध कर चुके थे। इसमें जो बाइडेन की ओर से नामित फेडरल जज डेल हो और नैन्सी अबुदु का नाम शामिल है। हालाकि, सीनेट ने उनके सपोर्ट के बिना ही उनके नामों की पुष्टि कर दी है।

नुसरत चौधरी ने साल 1998 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। इसके बाद इन्होंने प्रिंसटन स्कूल ऑफ पब्लिक एंड इंटरनेशनल अफेयर्स से परास्नातक की डिग्री हासिल की। साथ ही, साल 2006 में ये येल लॉ स्कूल से ज्यूरिस डॉक्टर बनीं। नुसरत के पिता शिकागो में रहे हैं और उन्होंने 40 सालों तक वहां बतौर फिजिशियन काम किया है। इसके अलावा नुसरत जहां चौधरी ACLU के रेशियल (नस्लीय) जस्टिस प्रोग्राम की डिप्टी डायरेक्टर रही हैं। रेशियल प्रोफाइलिंग और गरीब लोगों के खिलाफ भेदभाव से लड़ने के लिए उनका ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।

ACLU की वेबसाइट के मुताबिक, नुसरत ने अमेरिका की सरकार की नो-फ्लाई सूची प्रथाओं को खत्म करते हुए पहले फेडरल कोर्ट के फैसले को सुरक्षित करने में मदद की। इसके अलावा चौधरी ने न्यूयॉर्क पुलिस विभाग की ओर से सर्विलांस के लिए मुसलमानों की भेदभाव करने वाली रूपरेखा को भी चुनौती दी था।