बिनसर अभयारण्य इको सेंसिटिव जोन घोषित, अधिसूचना जारी

बिनसर अभयारण्य इको सेंसिटिव जोन घोषित, अधिसूचना जारी
बिनसर अभयारण्य इको सेंसिटिव जोन घोषित, अधिसूचना जारी

देहरादून:उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के बिनसर अभयारण्य को ईको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। 76.01 वर्ग किलोमीटर में फैले बिनसर अभयारण्य की सीमा के चारों ओर से शून्य से तीन किलोमीटर के क्षेत्र को ईको सेंसिटव जोन घोषित किया गया है।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के मुताबिक अभयारण्य के दायरे में आ रहे 29 गांवों की 2800 की आबादी को बड़ी राहत मिली है। ये आबादी ईकों सेंसिटिव जोन से बाहर हो गई है। जिससे इन गांवों में घरों की मरम्मत, निर्माण व बुनियादी सुविधाओं व आजीविका आधारित गतिविधियां शुरू हो सकेंगी।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 10 किलोमीटर के दायरे को ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया था। जिससे इस क्षेत्र में ग्रामीण घरों की मरम्मत एवं अन्य काम नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकेगा। प्रदूषण वाले उद्योगों को छोड़कर अन्य कार्य किए जा सकेंगे। क्षेत्र में 42 पुराने जर्जर भवनों की भी मरम्मत की जा सकेगी।
क्या होगा, क्या नहीं  
ईकों सेंसिटिव जोन के भीतर वास्तविक निवासियों की घरेलू जरूरतों (जिसमें मकानों के निर्माण, मरम्मत के लिए जमीन खोदना शामिल हैं) के अलावा सभी खनन संबंधित कार्यों पर रोक होगी। क्षेत्र में कोई नया उद्योग लगाने और वर्तमान प्रदूषणकारी उद्योगों का विस्तार करने की अनुमति नहीं होगी। बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं नहीं लगाई जा सकेंगी, ईट-भट्ठों को लगाने व जलाने वालीं लकड़ियों का व्यवसायिक उपयोग व पॉलिथीन बैग का उपयोग नहीं हो सकेगा।
यहां से बेहद खूबसूरत दिखती हैं हिमालय की चोटियां
बिनसर समुद्र तल से करीब 2,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बिनसर में एक ऐसी जगह है जहां से हिमालय की चोटियां केदारनाथ, चैखंबा, नंदा देवी, पांचाचुली और त्रिशूल दिखाई देती हैं। बिनसर एक वन्यजीव अभयारण्य है।  76.01 वर्ग किलोमीटर में फैले बिनसर अभयारण्य की सीमा के चारों ओर से शून्य से तीन किलोमीटर के क्षेत्र को ईको सेंसिटव जोन घोषित किया गया है।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के मुताबिक अभयारण्य के दायरे में आ रहे 29 गांवों की 2800 की आबादी को बड़ी राहत मिली है। ये आबादी ईकों सेंसिटिव जोन से बाहर हो गई है। जिससे इन गांवों में घरों की मरम्मत, निर्माण व बुनियादी सुविधाओं व आजीविका आधारित गतिविधियां शुरू हो सकेंगी।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 10 किलोमीटर के दायरे को ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया था। जिससे इस क्षेत्र में ग्रामीण घरों की मरम्मत एवं अन्य काम नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकेगा। प्रदूषण वाले उद्योगों को छोड़कर अन्य कार्य किए जा सकेंगे। क्षेत्र में 42 पुराने जर्जर भवनों की भी मरम्मत की जा सकेगी।
क्या होगा, क्या नहीं  
ईकों सेंसिटिव जोन के भीतर वास्तविक निवासियों की घरेलू जरूरतों (जिसमें मकानों के निर्माण, मरम्मत के लिए जमीन खोदना शामिल हैं) के अलावा सभी खनन संबंधित कार्यों पर रोक होगी। क्षेत्र में कोई नया उद्योग लगाने और वर्तमान प्रदूषणकारी उद्योगों का विस्तार करने की अनुमति नहीं होगी। बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं नहीं लगाई जा सकेंगी, ईट-भट्ठों को लगाने व जलाने वालीं लकड़ियों का व्यवसायिक उपयोग व पॉलिथीन बैग का उपयोग नहीं हो सकेगा।
यहां से बेहद खूबसूरत दिखती हैं हिमालय की चोटियां
बिनसर समुद्र तल से करीब 2,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बिनसर में एक ऐसी जगह है जहां से हिमालय की चोटियां केदारनाथ, चैखंबा, नंदा देवी, पांचाचुली और त्रिशूल दिखाई देती हैं। बिनसर एक वन्यजीव अभयारण्य है।