कांग्रेस ने अध्यादेश के खिलाफ आप को समर्थन नहीं देने का दिया सुझाव, पार्टी आलाकमान पर छोड़ा फैसला

कांग्रेस ने अध्यादेश के खिलाफ आप को समर्थन नहीं देने का दिया सुझाव, पार्टी आलाकमान पर छोड़ा फैसला

दिल्ली में अधिकारियों के तबादले के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ अपने विचार साझा किए। इसमें कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप को समर्थन नहीं देने का सुझाव दिया।

नेताओं का आरोप है भ्रष्टाचार के मामले में फंसने पर आम आदमी पार्टी के नेता, देश के उन नेताओं से मिल रहे हैं, जिनसे पहले दूरी थी। कांग्रेस के नेताओं के साथ आप के साथ गठबंधन को भी खारिज करने का संकेत दिया। कभी भी पाला बदलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं ने फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है।

कांग्रेस नेताओं की बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा, अजय माकन, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव व हारुन यूसुफ भी मौजूद रहे। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ राहुल गांधी भी इस बैठक में मौजूद थे। करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आप और कांग्रेस के संभावित गठबंधन पर चर्चा नहीं हुई। लेकिन अध्यादेश के मुद्दे पर जिस तरह कांग्रेस नेता, आप के खिलाफ दिखे इससे भविष्य में गठबंधन की संभावनाएं भी कम दिख रही हैं। हालांकि, पार्टी आलाकमान के फैसले पर ही निर्भर करेगा। सभी नेताओं का कहना है कि पार्टी नेतृत्व का फैसला सभी को स्वीकार्य होगा।

नेताओं का आम आदमी पार्टी को समर्थन देने के मामले में कहना था कि आप के मुखिया विश्वसनीय नहीं हैं। मौका मिलने पर किसी को भी नुकसान पहुंचाने से परहेज नहीं करते। एक नेता ने अध्यादेश का विरोध या समर्थन किए बगैर कहा कि जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी उस वक्त भी विधानसभा में कई बार दिल्ली सरकार की शक्तियां बढ़ाने का मुद्दा उठा था। दूसरे नेता ने कहा कि जब केंद्र में एनडीए की सरकार थी उस वक्त भी कांग्रेस ने इसी मामले पर मार्च निकालकर विरोध जताया था।