पंजाब में नगर निगम चुनावों को लेकर अहम खबर

पंजाब में नगर निगम चुनावों को लेकर अहम खबर


पंजाब में नगर निगम चुनाव करवाने को लेकर फिर फैसला नहीं हो पाया और इस केस की सुनवाई अब मार्च में होगी। इस मामले में अमृतसर के रहने वाले पी.सी. बाली द्वारा कोर्ट में दायर की गई याचिका में मुद्दा उठाया गया है। लुधियाना सहित पंजाब की 5 नगर निगमों का कार्यकाल पिछले साल जनवरी से लेकर अप्रैल के दौरान पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक सरकार द्वारा नए सिरे से नगर निगम के चुनाव करवाने के लिए शेड्यूल जारी नहीं किया गया।

इससे संविधान के साथ पंजाब म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। इस केस की 5 जनवरी को हुई पहली सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा सरकार को एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए बोला गया था, लेकिन सरकार की तरफ से वार्डबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस पैंडिंग होने का हवाला दिया गया। इसके मद्देनजर हाई कोर्ट द्वारा फिक्स की गई 5 फरवरी को एक बार फिर सरकार द्वारा वहीं दलील दी गई, जिसके चलते कोई फैसला नहीं हो पाया और अब 21 मार्च को अगली सुनवाई होगी।

सरकार द्वारा यह दी जा रही है दलील
नगर निगम के जनरल हाऊस का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए सिरे से चुनाव न करवाने को लेकर सरकार द्वारा पहले वार्डबंदी फाइनल न होने का हवाला दिया गया। यह प्रक्रिया मुकम्मल होने के बाद नए सिरे से वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू किया गया और स्टेट इलैक्शन कमिशन को नवंबर के दौरान चुनाव करवाने की सिफारिश भेज दी गई, जिसके बाद सारा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

लोकसभा चुनाव तक करना पड़ सकता है इंतजार
नगर निगम चुनाव के लिए लोकसभा चुनाव तक इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि लोकसभा के बजट सत्र के बाद किसी भी समय चुनाव के लिए आचार संहिता लागू की जा सकती है। अब कोर्ट द्वारा जो 21 मार्च को सुनवाई फिक्स की गई है, उसके चलते सरकार पर जल्दी नगर निगम चुनाव करवाने का कोई दबाव नहीं है। इस दौरान लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद वैसे ही नगर निगम चुनाव के लिए शेड्यूल जारी नहीं हो सकता है।