इंडिया का अधिकारिक नाम भारत करने पर राघव चड्ढा ने सिरे से नकारा

इंडिया का अधिकारिक नाम भारत करने पर राघव चड्ढा ने सिरे से नकारा

जी20 सम्मेलन से पहले केंद्र सरकार के एक फैसले ने विपक्षी पार्टियों को नाराज कर दिया है. यह मामला जी20 सम्मेलन को लेकर जारी निमंत्रण पत्र से जुड़ा है. दरअसल, सरकार की ओर से जारी आधिकारिक निमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के बदले प्रेसिडेंट आफ भारत का जिक्र है. इस घटना के बाद से विरोधी दलों के नेताओं में इसको लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. इस मामले का खुलासा होते ही आम आदमी पार्टी के निलंबित राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है. उन्होंने कहा है कि यह ​बीजेपी का निजी मसला नहीं है. बीजेपी ऐसा कैसे कर सकती है?

आप सांसद ने राघव चड्ढा ने कहा है कि बीजेपी का यह फैसला विरोधी दलों को चिढ़ाने वाली है. केंद्र के इस फैसले ने एक सार्वजनिक बहस छेड़ दी है. भारतीय जनता पार्टी 'इंडिया' को कैसे खत्म कर सकती है? देश किसी राजनीतिक दल का निजी मसला नहीं है. यह 135 करोड़ भारतीयों का मसला है. हमारी राष्ट्रीय पहचान बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है, जिसे वह अपनी मर्जी से बदल दे।

बीजेपी के इस फैसले पर दिल्ली कांग्रेस ने भी ऐतराज जताया है. कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी  को इंडिया से इतना डर हो गया कि उसने G20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ 'इंडिया' की जगह रिपब्लिक ऑफ 'भारत' शब्द का इस्तेमाल किया है। उन्होंने पूछा है कि आखिर बीजेपी को INDIA से इतना डर क्यों? यह विपक्ष के लिए मोदी सरकार की नफरत है या एक डरे और सहमे हुए तानाशाह की सनक?