एसजीपीसी ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के कारण फंसे लोगों को वापस लाना शुरू कर दिया है !

एसजीपीसी ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के कारण फंसे लोगों को वापस लाना शुरू कर दिया है !
आज जब पंजाब बाढ़ की चपेट में है और हर तरफ संकट है, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बिना जरूरतमंदों तक पहुंचकर मानवता की सेवा कर रहे हैं।
एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के निर्देश के बाद एसजीपीसी पहले दिन से ही बाढ़ प्रभावितों में सेवाएं दे रही है। तदनुसार, एसजीपीसी द्वारा हिमाचल प्रदेश (एचपी) में फंसे लोगों को सुरक्षित पंजाब लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश से एसजीपीसी सदस्य दलजीत सिंह भिंडर के नेतृत्व में तख्त श्री केसगढ़ साहिब के प्रबंधक गुरप्रीत सिंह और सहायक प्रबंधक संदीप सिंह की टीम हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर पहुंची. जिन्होंने वहां के हालात का जायजा लिया और मंडी में गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधन कमेटी के साथ मिलकर जरूरतमंदों की मदद के लिए काम शुरू किया।
प्रताप सिंह ने कहा कि एचपी स्थित गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने गए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बाढ़ के कारण यहीं रुक गए हैं और एसजीपीसी उन्हें वापस पंजाब लाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज एक बस 50 लोगों को लेकर मंडी से श्री आनंदपुर साहिब के लिए रवाना हुई। इसी तरह बाकी लोगों को भी सुरक्षित पंजाब वापस लाया जाएगा।
एसजीपीसी सचिव ने कहा कि पंजाब में बाढ़ के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष ने एसजीपीसी प्रबंधन के तहत विभिन्न गुरुद्वारा साहिबों की जमीन पर पनीरी उगाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत बरनाला में गुरुद्वारा बाबा गंधा सिंह जी में 10 एकड़, लुधियाना में गुरुद्वारा साहिब पातशाही दसवीं हेरां में 12 एकड़, संगरूर में गुरुद्वारा श्री नानकियाना साहिब में 15 एकड़, 5 एकड़, लुधियाना में गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब कोटान, श्री दरबार साहिब के जलालाबाद फार्म में 8 एकड़ और तरनतारन में गुरुद्वारा बाबा बीर सिंह जी रत्तोके में 3 एकड़ जमीन जमीन पर धान की पौध उगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि धान की पछेती प्रजाति की बुआई की जायेगी ताकि प्रभावित किसानों को इसका लाभ मिल सके।
एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि जहां एसजीपीसी के प्रबंधन के तहत विभिन्न गुरुद्वारों से लंगर (सामुदायिक रसोई से भोजन) पानी से प्रभावित लोगों तक पहुंच रहा है, वहीं चिकित्सा टीमें भी प्रभावित क्षेत्रों में जमीन पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने आवश्यकता के अनुसार प्रभावित परिवारों के लिए गुरुद्वारा साहिबों में आवास की पर्याप्त व्यवस्था भी की है।