हरियाणा सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा, किसान संसद का घेराव कर सकते हैं

हरियाणा सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा, किसान संसद का घेराव कर सकते हैं

किसानों और सरकार के बीच तीसरे दौर की बातचीत के बाद भी किसान नेताओं ने कहा कि वो शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते रहेंगे. वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही है. अब अगली बैठक रविवार शाम को होगी. इन सबके बीच आंदोलनकारी किसानों के 'दिल्ली चलो' या'चलो दिल्ली' मार्च के कारण दिल्ली की यातायात व्यवस्था गड़बडा गई है.हालांकि इससे पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी.

पुलिस के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) के आसपास डायवर्जन रहेगा. इसलिए आम लोगों से कहा गया है कि वे एडवाइजरी को ध्यान में रखते हुए ही बाहर निकलें. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के एक समूह ने अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए मार्च का आह्वान किया है. यह मांग उन शर्तों में से एक है जो उन्होंने 2021 में अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमति व्यक्त करते समय निर्धारित की थी.

हरियाणा सरकार ने एक एफिडेटिव में कहा है कि कुछ किसान यूनियनों ने, मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा से 'किसान मजदूर मोर्चा' और 'संयुक्त किसान मोर्चा' (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले, बिना किसी अनुमति या जानकारी प्रदान किए बिना "दिल्ली चलो मार्च" का आह्वान किया है.

उपरोक्त 'मार्च' के बारे में जानकारी एकत्रित की गई है. किसान यूनियनों के नेताओं ने आम जनता से "दिल्ली चलो मार्च" में अधिकतम भागीदारी का आह्वान किया है. ऐसे इनपुट थे कि हजारों की संख्या में आंदोलनकारी हथियारों के साथ संशोधित ट्रैक्टर/ट्रॉलियों में घूमेंगे. ऐसे इनपुट भी आ रहे हैं कि वे संसद का भी घेराव करेंगे. वर्ष 2020-2021 में किसान संगठनों द्वारा की गई दिल्ली की साल भर की नाकाबंदी की तर्ज पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है, जिसने एनसीआर में नागरिकों, वस्तुओं और आवश्यक सेवाओं की आवाजाही को गंभीर रूप से बाधित कर दिया, जिससे दैनिक जीवन और आवाजाही की स्वतंत्रता प्रभावित हुई.