किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार को घेरते हुए कहा कि वे पराली प्रबंधन के लिए उचित इंतजाम नहीं कर रहे हैं

किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार को घेरते हुए कहा कि वे पराली प्रबंधन के लिए उचित इंतजाम नहीं कर रहे हैं

पंजाब के किसान नेताओं ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों पर पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं करने का आरोप लगाया। किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता पराली जलाने से नहीं बल्कि वाहन प्रदूषण और औद्योगिक प्रदूषण से प्रभावित होती है।

किसान नेताओं ने यह भी कहा कि सरकारों को मक्का और दालों जैसी वैकल्पिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करना चाहिए ताकि उत्पादक धान के बजाय पानी की कमी वाली फसलों को चुनें। उन्होंने कहा कि धान पंजाब की प्राथमिक फसल भी नहीं है।

किसान नेताओं का यह बयान पराली जलाने के मामले की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के एक दिन बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों को 'खलनायक' बनाया जा रहा है और उनकी बात नहीं सुनी जा रही है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने यह भी सुझाव दिया था कि पराली जलाने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली के तहत नहीं खरीदा जाना चाहिए क्योंकि प्रदूषण के कारण नागरिक और बच्चे प्रभावित होते हैं।