अनोखी प्रेम कहानी :प्रेमी की जा रही थी आंखों की रोशनी, प्रेमिका ने किया ये काम

अनोखी प्रेम कहानी :प्रेमी की जा रही थी आंखों की रोशनी, प्रेमिका ने किया ये काम

हमारे यहां कहावत है कि प्यार अंधा होता है. एक बार इंसान को प्यार हो जाता है, फिर अच्छा या बुरा जो भी हो, उसके बारे में कोई चिंता नहीं करता है. प्यार में लोग सिर्फ अपने पार्टनर का मन देखते हैं. ऐसा ही अंधा प्यार छत्रपति संभाजीनगर शहर की पल्लवी दलाल और निकेत दलाल ने किया. उनकी प्रेम कहानी किसी फिल्म की कहानी की तरह है.
पल्लवी और निकेत दलाल शहर के नागेश्वरवाड़ी इलाके में रहते हैं. दोनों का घर एक-दूसरे के सामने है, इसलिए उन्होंने अपना बचपन एक साथ बिताया. निकेत और पल्लवी ने शहर के सरस्वती भुवन स्कूल में पढ़ाई की और दोनों बचपन से ही गहरे दोस्त थे. समय के साथ ये दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों एक साथ घूमने जाने लगे.


एक दिन टहलने के बाद बाइक चलाते वक्त अचानक निकेत की आंखों के सामने अंधेरा छा गया. घर आने के बाद वह तुरंत डॉक्टर के पास गए और अपनी आंखों की जांच कराई. जांच के बाद पता चला कि निकेत को ग्लूकोमा है. डॉक्टर ने बताया कि निकेत की आंखों की रोशनी भविष्य में कभी भी जा सकती है. निकेत कहते हैं कि जैसे ही उन्होंने सुना कि उनकी आंखों की रोशनी जा सकती है, उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.


निकेत के आगे गंभीर सवाल था कि वो ये बात पल्लवी को कैसे बताएं. फिर वे उसी स्थान पर मिले, जहां वे हमेशा मिलते थे. निकेत ने पल्लवी को बताया कि उसे ग्लूकोमा हो गया है और भविष्य में उसकी दृष्टि चली जाएगी. पल्लवी के लिए ये बहुत बड़ा झटका था. तब निकेत ने शादी का विचार छोड़ने का फैसला लिया और पल्लवी को बताया.
निकेत के बारे में जानने के बावजूद पल्लवी ने उससे शादी करने का फैसला किया. लेकिन उनकी शादी में एक और समस्या यह थी कि निकेत ब्राह्मण समुदाय से थे और पल्लवी मराठा समुदाय से थी. बड़ी समस्या यह थी कि परिवार अंतर्जातीय विवाह के लिए तैयार नहीं था. फिर भी पल्लवी ने हिम्मत करके अपने घर पर अपने माता-पिता को सारी बात बताई. शुरुआत में उनके माता-पिता इस शादी के लिए तैयार नहीं थे. लेकिन पल्लवी ने उन्हें समझाया और उसके बाद माता-पिता शादी के लिए तैयार हो गए. परिवार के आशीर्वाद और गवाही से दोनों 2007 में शादी के बंधन में बंध गए.


शादी से पहले पल्लवी एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करती थी, जबकि निकेत नौकरी पाने की कोशिश कर रहा था. जब दोनों खुशहाल जिंदगी जी रहे थे, तभी 2012 में निकेत की आंखों की रोशनी चली गई. आंखों की रोशनी चले जाने के कारण निकेत मानसिक रूप से पूरी तरह थक चुके थे. इससे बाहर निकालने के लिए पल्लवी ने उन्हें काफी सहयोग दिया. निकेत को तैराकी और साइकिल चलाने का शौक था और उनके इस शौक को बढ़ाने में पल्लवी ने पूरी मदद की. निकेत सभी कठिनाइयों को पार करने में पारंगत हो गए.


पल्लवी का कहना है कि निकेत ने खुद को आयरन मैन के रूप में स्थापित किया है. इस बीच पल्लवी ने वर्तमान में अपनी नौकरी छोड़ दी और अब वो अपना मसाला व्यवसाय चलाती हैं. जबकि निकेत क्षेत्रीय शिक्षा प्राधिकरण विभाग में शिक्षा विभाग में काम करता है. पिछले 17 साल से ये कपल खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं और उनका एक बेटा भी है.