संसद में आप ही असली विपक्ष का चेहरा बना

संसद में आप ही असली विपक्ष का चेहरा बना

संसद के मानसून सत्र की एक खास बात यह दिख रही है कि आम आदमी पार्टी संसद में मुख्य विपक्षी पार्टी की तरह व्यवहार कर रही है। उसके नेता हर मामले में बयान दे रहे हैं। रणनीतिक मामलों में आप के नेता ज्यादा सक्रिय दिख रहे हैं और मीडिया की ओर से भी उनको तरजीह दी जा रही है। संजय सिंह के मणिपुर के मसले पर राज्यसभा से निलंबित होने के बाद से स्थिति और बदली है। संजय सिंह संसद परिसर में धरना दे रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उनसे जाकर मिली थीं और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनसे मिलने आए। इस तरह आप ने अपने ऊपर फोकस बनवा लिया।

दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों के साथ होने वाली बैठकों में पहली बार के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा सबसे ज्यादा रणनीति बना रहे हैं। वे संसद के अंदर भी सबसे मुखर हैं। हर मसले पर उनकी ओर से नोटिस दिया जा रहा है और हर मसले पर उनको बोलना होता है। वे संसद परिसर में मल्लिकार्जुन खड़गे से भी ज्यादा मीडिया बाइट देते हैं। असल में दिल्ली के अध्यादेश वाले मसले पर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया, जिसका फायदा पार्टी उठा रही है। राज्यसभा में उसके 10 सांसद हैं और इस वजह से वह अपने को मुख्य विपक्षी पार्टी मान रही है। हालांकि लोकसभा में उसका सिर्फ एक सांसद है। फिर भी दिल्ली सेवा बिल के मसले पर विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिलने से उसकी ताकत बढ़ी है और बचा खुचा काम मीडिया कर देती है। मीडिया में भाजपा के बाद सबसे ज्यादा स्पेस आम आदमी पार्टी को ही मिलता है।