बीआरओ के हिमवीर दिन-रात जुटे हैं रैणी गांव में नया पुल बनाने के लिए

बीआरओ के हिमवीर दिन-रात जुटे हैं रैणी गांव में नया पुल बनाने के लिए
बीआरओ के हिमवीर दिन-रात जुटे हैं रैणी गांव में नया पुल बनाने के लिए

जोशीमठ: नीति घाटी में रैणी गांव के निकट ऋषिगंगा नदी पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल आपदा में बह गया था। नया ब्रिज अब दूसरी जगह पर बनाया जाएगा। दरअसल आपदा से पहले जहां यह पुल बना था, वहां काफी हिस्सा उफान में बह जाने से नदी की चौड़ाई अधिक हो जाने के कारण ऐसा करना पड़ रहा है। पुल टूटने से सीमावर्ती दर्जनभर गांवों को तीन दिनों से संपर्क कटा हुआ। यही नहीं, सड़क मार्ग से सेना और आइटीबीपी के लिए रसद पहुंचाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने चौबीसों घंटे काम करके जल्द से जल्द यह पुल तैयार कर लिया जाएगा। तमाम विकल्पों पर विचार करने के बाद नई जगह पर वैली ब्रिज बनाने पर सहमति बनी। यह पुल मौजूदा स्थल से कुछ दूरी पर होगा। वहां इसे मुख्य हाईवे से जोड़ा जाएगा। इसके लिए ऋषिगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज से करीब ढाई सौ मीटर लंबा नया मार्ग बनाया जा रहा है। यहां कटिंग का काम शुरू कर दिया गया है। नया पुल तकरीबन 58 मीटर स्पान का होगा।  इसके लिए बीआरओ के दलों ने तीन तरफ से काम करना शुरू कर दिया है। शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता आशु सिंह राठौर का कहना है कि बीआरओ दल दिन और रात इस प्रोजेक्ट पर काम करेंगे। सामरिक महत्व को देखते हुए प्रयास किया जा रहा है जल्द से जल्द नई सड़क और पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए।  
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