सीएम योगी ने खुद संभाला बाढ़ राहत कार्यों की मॉनिटरिंग का जिम्मा

सीएम योगी ने खुद संभाला बाढ़ राहत कार्यों की मॉनिटरिंग का जिम्मा
सीएम योगी ने खुद संभाला बाढ़ राहत कार्यों की मॉनिटरिंग का जिम्मा

लखनऊ: यूपी के तमाम इलाकों में बाढ़ की स्थितियों के बीच सीएम योगी ने खुद राहत कार्यों की मॉनिटरिंग का जिम्मा संभाला है। शुक्रवार को सीएम योगी गाजीपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों के एरियल सर्वे के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से भी बातचीत की। गाजीपुर से पहले सीएम वाराणसी में गुरुवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया था और एक राहत शिविर का दौरा भी किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के 24 जिलों के छह सौ गांव से अधिक आबादी वाले गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। जिस प्रकार कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है, वैसे ही बाढ़ से भी निपटेंगे। कहा कि प्रदेश में बाढ़ का कारण राजस्थान के कोटा बैराज, एमपी के माता टीला और हरियाणा के हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़ा जाना है। जिसके कारण यमुना, चम्बल और बेतवा नदियों में अत्यधिक जल प्रवाह हुआ। जो गंगा के माध्यम से कई जिलों में फैल गया है। इसके बाद बचाव और राहत का वृहद कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मैंने खुद जमीन और वायु से भी सर्वेक्षण किया।
बलिया में गंगा, टोंस और सरयू के कारण आई बाढ़ के हालात को नजदीक से देखा। कहा कि यहां 34 गांवों के 112 राजस्व गांव की सवा लाख आबादी प्रभावित हुई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी लगाई गई है।  पीएम गरीब कल्याण योजना के अलावा हर बाढ़ पीड़ित तक राहत पैकेट दिए जा रहे हैं। केरोसिन की भी व्यवस्था कर रहे हैं। पेट्रोमेक्स व जेनरेटर की भी व्यवस्था की गई है। राहत शिविरों तक कम्युनिटी किचन के तहत भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। मेडिकल टीम को भ्रमण करने के निर्देश दिए। प्रशासन को यह भी निर्देश दिया है कि छोटी नाव नदी की धारा में न चलें। स्टीमर से ही सवारी ले जायं।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर बिना भेदभाव लोगों की मदद में सहयोग करें। अधिकारी बाढ़ के लौटने पर अत्यधिक सतर्क रहें। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कटान वाले स्थलों पर ततपरता से काम हो। पुलिस विभाग के अधिकारी भी राहत शिविरों में जाकर सुरक्षा मुहैया कराएंगे। पुलिस को लगातार पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं। कटान की संभावना वाले क्षेत्रों में कटान अवरोधक कार्य किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अभी आशंका बनी रहेगी तो आगे भी प्रशासन को सचेत किया है। नोडल अधिकारी की तैनाती और निगरानी समितियों को मुस्तैद।