मुख्यमंत्री से सम्मान पाकर खिलाड़ी गदगद, कहा बढ़ा मनोबल

मुख्यमंत्री  से सम्मान पाकर खिलाड़ी गदगद, कहा बढ़ा मनोबल

गोरखपुर:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सम्मान पाकर खिलाड़ी गदगद दिखे। सबने कहा कि इससे मनोबल बढ़ा है। आगे अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली है। गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री की व्यस्तता को देखते हुए 75 में से 20 खिलाड़ियों को उनके हाथों सम्मानित किया जाना था। इसके बाद जब संचालक ने सीएम से संबोधन के लिए अनुरोध किया तो उन्होंने अपनी बात रखने से पहले बाकी 55 खिलाड़ियों को भी मंच पर बुलाने का निर्देश दिया। सीएम ने बाकी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी प्रेममाया, रंजना श्रीवास्तव व प्रीति दुबे के हाथों सम्मानित कराया। इस दौरान शाबासी देकर और ताली बजाकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।  
इन खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित
नारी शक्ति ने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया
मुख्यमंत्री के साथ हॉकी की पूर्व ओलंपियन, अर्जुन अवार्डी व रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित प्रेममाया, रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित ओलंपिक रंजना श्रीवास्तव और ओलंपियन प्रीति दुबे ने मंच साझा किया। महिला शक्ति के अलावा मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और पूर्वांचल खेल विकास मंच के अध्यक्ष दिनेश सिंह रहे। विशिष्ट अतिथियों में महापौर सीताराम जायसवाल, विधायकगण विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, शीतल पांडेय, संगीता यादव, एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो.जेपी पांडेय, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, पूर्वांचल खेल विकास मंच के अध्यक्ष दिनेश सिंह, कुश्ती के राष्ट्रीय कोच चन्द्रविजय, अंतरराष्ट्रीय पहलवान जनार्दन यादव, राकेश सिंह पहलवान, कबड्डी संघ के अध्यक्ष अरुणेश शाही, हॉकी गोराखपुर के अध्यक्ष धीरज सिंह हरीश आदि मौजूद रहे।
जल्द बहाल होगा खेल प्रशिक्षण
कार्यक्रम से पहले कबड्डी खिलाड़ी विशाल पासवान, मेनका यादव, अरविंद यादव, प्रदीप सैनी, सेजल चौधरी आदि ने मुख्यमंत्री से मिल कर खेल प्रशिक्षण दोबारा शुरू किए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने जल्द ही खेल प्रशिक्षण बहाल किए जाने की घोषणा की। कहा कि सभी खेलों के प्रशिक्षकों को दोबारा कार्य पर लगाकर उन्हें अच्छा मानदेय दिया जाएगा ताकि वह अपने खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देकर आगे बढ़ाएं। चुनौती से ही रास्ता निकालना पड़ता है, आपदा में ही श्रेष्ठ करने का अवसर तलाशना पड़ता है और खिलाड़ी इसके सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं।