76 लापता बच्चों को ढूंढ निकालने वाली इस जांबाज बेटी को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन

76 लापता बच्चों को ढूंढ निकालने वाली इस जांबाज बेटी को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन
सीमा ढक (फ़ाइल)

दिल्ली पुलिस में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल सीमा ढाका (Head Constable Seema Dhaka) ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 3 महीने के दौरान 76 बच्चों को तलाश करने में कामयाबी हासिल की है। इस उपलब्धि के बाद सीमा ढाका को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने जिन 76 बच्चों को खोज निकाला है, उनमें 56 की उम्र 14 साल से भी कम है।

शिक्षक वाले परिवार से हैं सीमा

बता दें कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के शामली जिले में सीमा की ससुराल है। सीमा के गांव में उनके रिश्तेदार और परिवार में काफी लोग टीचिंग प्रोफेशन से जुड़े हैं। वो कहती है कि मैं बचपन से ही सुनती आ रही थी कि महिलाओं के टीचिंग प्रोफेशन सबसे बढ़िया रहता है। यही वजह है कि मैंने भी शिक्षक बनने का निर्णय लिया था, इतना ही नहीं मैंने तो ऐसे विषय पढ़ाई के लिए चुने, जिससे शिक्षक बन सकूं। इस दौरान मैंने दिल्ली पुलिस की भर्ती का फार्म भर दिया। मेरे चयन भी हो गया। 2006 से दिल्ली पुलिस से जुड़कर सेवा दे रही हूं। 
बड़ौत की रहने वाली हैं सीमा ढाका

सीमा ढाका मूलरूप से

बड़ौत

की रहने वाली हैं। सीमा की शादी अनिक ढाका से हुई है, जो खुद पुलिसवाले हैं। शामली वही जिला है, जहां पर कुछ वर्ष पहले लड़कियों के जींस पहनने और मोबाइल फोन रखने जैसे कई फरमान जारी हुए थे। पेशे से किसान पिता की संतान सीमा का भाई निजी क्षेत्र में जॉब करता है। सीमा का कहना है कि पढ़ाई के प्रति लगाव और जुनून ही था कि गांव से कॉलेज की दूरी करीब 6 किलोमीटर थी, लेकिन साइकिल से रोजाना आती-जाती थी। फिर भी थकान का कभी अहसास तक नहीं हुआ। आउट और टर्न प्रमोशन पानी वालीं सीमा ढाका की इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश के 2-2 जिलों में जश्न का माहौल है। सीमा की ससुराल शामली में खुशी है तो मायके बड़ौत के लोग भी फोन पर उन्हें इसके लिए बधाइयां दे रहे हैं।

8 साल के बच्चे की मां है सुनीता

सुनीता दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल तो हैं, लेकिन साथ ही बेहद भावुक इंसान भी है। कहा जाता है कि पुलिस काफी सख्त होती है, लेकिन सीमा को देखकर ऐसा नहीं लगता।  8 साल के बच्चे की मां सीमा की मानें तो जब भी बच्चों की गुमशुदुगी की बात आती थी तो गुस्सा आता था। यही वजह है कि पुलिस टीम के साथ बैठक में उन्होंने खुद गुमशुदा बच्चों को तलाशने वाली सेल में काम करने की इच्छा जाहिर की थी। अधिकारियों ने भी सीमा ढाका की कमिटमेंट पर भरोसा किया और नतीजा सामने है। अब महकमा अपनी हेड कांस्टेबल सीमा ढाका पर गर्व कर रहा है। 

पश्चिम बंगाल से नाबालिग को छुड़ाया था

सीमा की मानें तो उन्होंने पिछले महीने ही पश्चिम बंगाल से एक नाबालिग को छुड़ाया था। इस दौरान काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ा। इसके लिए पुलिस दल ने नावों में यात्रा की और बच्चे को तलाशने के लिए बाढ़ के दौरान 2-2 नदियों को पार करने की नौबत आई थी। वो बताती हैं कि आखिरकार हम बच्चे तलाशने और उसकी जिंदगी में मुस्कान लाने में कामयाब हुए।

सीमा ढाका को मिला ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन

दिल्ली के समयपुर बादली पुलिस थाने में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल सीमा ढाका को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन (out-of-turn promotion) देने की घोषणा की गई है। खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर एनएन श्रीवास्तव ने सीमा ढाका को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की है। इसके तहत सीमा ढाका को इन्सेंटिव स्कीम के तहत प्रमोशन दिया गया है। इस स्कीम के तहत सीमा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाली दिल्ली पुलिस की पहली कर्मचारी बन गई हैं।