फिल्म शूटिंग का नया हब बन रहा उत्तराखंड, कोरोना काल में मिले इतने आवेदन

फिल्म शूटिंग का नया हब बन रहा उत्तराखंड, कोरोना काल में मिले इतने आवेदन
फिल्म शूटिंग का नया हब बन रहा उत्तराखंड, कोरोना काल में मिले इतने आवेदन

देहरादून: कोरोना काल में भी उत्तराखंड सरकार को फिल्म, वीडियो और विज्ञापन की शूटिंग के लिए 60 से अधिक आवेदन मिले हैं। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के मुताबिक, परिषद को हर दिन शूटिंग के दो आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। राज्य की लोकेशन में फिल्म निर्माताओं की बढ़ रही इस रुचि से प्रदेश सरकार भी उत्साहित है। परिषद के नोडल अधिकारी केएस चौहान इसका श्रेय राज्य की फिल्म नीति को देते हैं। बकौल चौहान नीति में कई तरह के प्रोत्साहन हैं और मुख्यमंत्री व राज्य सरकार के अधिकारियों की ओर से फिल्म जगत में यह भरोसा जगाया गया है कि उत्तराखंड की लोकेशन में शूटिंग के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश सरकार ने 20 मई को फिल्म शूटिंग को लेकर एसओपी जारी की थी। इसके बाद फिल्मकारों ने उत्तराखंड का तेजी से रुख किया।
इन वजहों से आकर्षित हो रहे फिल्मकार

  • राज्य की लोकेशन में 75 प्रतिशत फिल्म की शूटिंग पर डेढ़ करोड़ की सब्सिडी है
  • गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा की फिल्मों के लिए यह अनुदान 20 लाख रुपये है
  • शूटिंग के दौरान फिल्म यूनिट को पर्यटन विभाग व सरकारी गेस्ट हाउस में 50 प्रतिशत की रियायत है
  • उत्तराखंड में फिल्म प्रदर्शन पर टिकट पर 30 प्रतिशत जीएसटी का लाभ
  • शूटिंग के दौरान पांच पुलिस के जवान निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं

शाहिद कपूर व मृणाल ठाकुर ने ट्वीटर पर जताया आभार

बालीवुड के मशहूर अभिनेता शाहिद कपूर और अदाकारा मृणाल ठाकुर ने उत्तराखंड की लोकेशन पर शूटिंग के अनुभव को ट्विटर पर साझा किया। अपनी यह खुशी उन्होंने ट्विटर पर संदेश के जरिए बयान की। वे यहां जर्सी फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में पिछले करीब 15 दिनों से हैं। उन्होंने शूटिंग कराने में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त किया।

लॉकडाउन के दौरान परिषद के पास फिल्मों, विज्ञापनों, म्यूजिक वीडियो, वेबसीरीज, गढ़वाली व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के गानों की शूटिंग के लिए 61 आवेदन प्राप्त हुए। औसतन हर दिन दो आवेदन हमें प्राप्त हो रहे हैं। पिछले तीन सालों में उत्तराखंड सरकार ने फिल्म निर्देशकों का विश्वास जीता है। उत्तराखंड फिल्म शूटिंग का नया डेस्टिनेशन बन रहा है।
केएस चौहान, नोडल अधिकारी, उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद