दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसौदिया ने किया 70 विधानसभाओं के लिए पार्टी के प्रचार वाहनों को रवाना 

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसौदिया ने किया 70 विधानसभाओं के लिए पार्टी के प्रचार वाहनों को रवाना 
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसौदिया ने किया 70 विधानसभाओं के लिए पार्टी के प्रचार वाहनों को रवाना 

देहरादून। आम आदमी पार्टी ‘आप’ ने उत्तराखंड में चुनावी बिगुल बजा दिया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने 70 विधानसभाओं के लिए पार्टी के प्रचार वाहनों को रवाना करने को हरी झंडी दिखाई। दावा किया कि 45 दिन के इस अभियान के बाद राज्य में पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं की संख्या एक लाख का आंकड़ा पार कर जाएगी। जो अभी दस हजार है। सर्वे चौक के पास एक होटल में पत्रकारों से बात करते हुए मनीष सिसौदिया ने कहा कि बहुत कम समय के भीतर आप ने पूरे उत्तराखंड में अपनी सक्रियता को बढ़ा दिया है। राज्य के लोगों में आप के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसी विश्वास को बढ़ाने के लिए सभी 70 विधानसभाओं में जो प्रचार वाहन उतारे जाएंगे, उसमें केजरीवाल सरकार के कार्यों को दिखाया जाएगा। लोगों को केजरीवाल मॉडल समझाया जाएगा। विडियो फोटो के जरिए बताया जाएगा कि कैसे स्कूल, बिजली, पानी, अस्प्ताल, मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति सुधरी है। कैसे आम लोगों का जीवन सुविधाजनक बना दिया गया है। कहा कि उत्तराखंड को भाजपा और कांग्रेस ने दोनों हाथों से जमकर लूटा है। यहां के संसाधनों के जरिए जहां राज्य की आर्थिक स्थिति संवरनी थी, उन्हें भी बेचने में जनविरोधी सरकारों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। ऐसे में राज्य के लोगों के लिए आप एक बड़ी उम्मीद है। इस उम्मीद पर खरा उतरा जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया, अध्यक्ष एसएस कलेर, सह प्रभारी राजीव चौधरी, रजिया बेग, त्रिलोक सजवाण, अनंतराम चौहान, रविंद्र जुगरान, कैलाश बिष्ट, कैलाश रमोला आदि मौजूद रहे।
राज्य में 70 विधानसभाओं में 70 प्रत्याशी तलाशने के सवाल पर मनीष सिसौदिया ने कहा कि प्रत्याशियों की कहीं कोई कमी नहीं है। राज्य में उनके चेहरा बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो दिल्ली में शिक्षा मंत्री ही सही हैं। बजट पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आत्म निर्भर भारत बनाने की बात कर रही है। इसके लिए नई शिक्षा नीति का ढोल पीटा जा रहा है। जबकि इस बजट में शिक्षा पर कुल जीडीपी का दो प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया। जबकि दावा छह प्रतिशत खर्च करने का किया गया। ऐसे में कैसे दो प्रतिशत में आत्मनिर्भर भारत बनेगा। किसान आंदोलन पर उन्होंने कहा कि सरकार ने पूंजीपतियों के लिए पूरे देश के किसानों को परेशान कर दिया है। नया कृषि कानून किसानों नहीं, बल्कि पूंजीपतियों के लिए बनाई गई है। हालांकि उन्होंने 26 जनवरी के उपद्रव को दुर्भाग्यपूर्ण भी करार दिया