डॉ राकेश रयाल ने अपने गीत में दिया रिवर्स पलायन का संदेश

डॉ राकेश रयाल ने अपने गीत में दिया रिवर्स पलायन का संदेश
डॉ राकेश रयाल ने अपने गीत में दिया रिवर्स पलायन का संदेश

देहरादून। देहरादून के प्रेस क्लब सभागार में डॉ राकेश रयाल के गीत 'बसी जौंला गैरसैंण' का विमोचन हुआ। इस गीत का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जागर सम्राट पद्मश्री डॉ प्रीतम भरतवाण ने किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड के प्रसिद्ध संगीत निर्देशक संजय कुमोला थे। गीत में डॉ रयाल का साथ प्रसिद्ध लोकगायिका मीना राणा ने दिया है। 
डॉ राकेश रयाल ने गीत में रिवर्स पलायन का संदेश दिया है। गीत के माध्यम से पहाड़ की युवती अपने शादी के प्रस्ताव लाने वाले युवक से कहती है कि वो शादी इसी शर्त पर करेगी जब युवक उस से वादा करेगा कि शादी के बाद वो उसे पलायन के लिए मजबूर न करे। युवती गीत में कहती है कि वो ताउम्र अपने पहाड़ में ही रहना चाहती है। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ प्रीतम भरतवाण ने कहा कि डॉ रयाल जैसे शिक्षाविद, साहित्यकार और लेखक जब लोकगीत रचेंगे और गाएंगे तो ये हमारे लोकसाहित्य और संस्कृति के लिए बहुत गौरव की बात होगी। आज नई पीढ़ी को प्रेरित करने में डॉ रयाल जैसे बुद्धिजीवियों का अहम योगदान है। 
गीत की लॉन्चिंग के वक्त डॉ राकेश रयाल और लोकगायिका मीना राणा ने गीत के कुछ पद मौजूद लोगों को सुनाए और सबको भावविभोर कर दिया। गीत को आरसी म्यूजिक के बैनर तले लांच किया गया है। आप भी गीत को यूट्यूब पर आर सी म्यूजिक और बसी जौंला गैरसैण के नाम से सर्च कर सकते हैं। कोरोनाकाल में गीत के लॉन्चिंग समारोह को बड़ी सादगी के साथ चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में आयोजित किया गया। इस बीच सामाजिक दूरी का भी पूरा ख्याल रखा गया।