शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने दिया मनीष सिसोदिया के आरोपों का जवाब

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने दिया मनीष सिसोदिया के आरोपों का जवाब
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने दिया मनीष सिसोदिया के आरोपों का जवाब

देहरादून। राज्य के विकास और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आरोपों पर गुरूवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और भाजपा ने दोहरा हमला बोला। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, साढे तीन साल के भीतर उत्तराखंड ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम किए हैं। रही बात सिसोदिया की बहस की चुनौती देने की, तो वो खुद को भगवान न समझें। उत्तराखंड अतिथि देवोभव की संस्कृति वाला प्रदेश है, इसलिए हर आने वाले का सम्मान किया जाता है। यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास में मीडिया से बातचीत में पांडे ने कहा कि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाना हास्यास्पद है। हालिया साढ़े तीन साल में सरकार ने समान शिक्षा लागू करने के लिए एनसीईआरटी की किताबें लागू करने का ऐतिहासिक फैसला किया। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मुफ्त किताब और यूनिफार्म योजना में डीबीटी के जरिए हर छात्र के बैंक खाते में धन जमा कराने की व्यवस्था की। कानून बनाकर तबादला उद्योग का सफाया किया। राज्य के हालात के अनुसार कानून को धीरे धीरे पूरी तरह से लागू किया जा रहा है।
यदि सही मायने में आंकलन करना है तो हमारे अच्छे स्कूलों में भी तो आएं। पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर नियोजित तरीके से पुराने निर्माणधीन स्कूलों में जाना उचित नहीं है। मालूम हो कि पिछले दिनों सिसोदिया ने राज्य के विकास कार्यों को लेकर सरकार को खुली बहस की चुनौती दी थी। इसके लिए वो देहरादून आए भी थी। सिसोदिया की चुनौती को पहले स्वीकार कर चुके सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बाद में सिसोदिया को अगंभीर करार देते हुए बहस में आने से मना कर दिया था।
सूप बोले तो बोले छलनी भला क्या बोले। मैं तो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरेापों पर यही कहना चाहूंगा। वो सम्मानीय और अनुभवी व्यक्ति है, उन्हें इस प्रकार की राजनीति करना शोभा नहीं देता। रहीं बात, राज्य के विकास की तो प्रदेश की जनता ही इसका जवाब देगी।
अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री