वृद्धावस्था पेंशन की आस लिए ही दुनिया से विदा हो गईं संतोशी देवी, IAS दीपक रावत भी न दिला पाए पेंशन

वृद्धावस्था पेंशन की आस लिए ही दुनिया से विदा हो गईं संतोशी देवी, IAS दीपक रावत भी न दिला पाए पेंशन
फोटो: IAS दीपक रावत यूट्यूब और etvbharat से साभार

हरिद्वार: विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी पर थैले बेचकर अपना गुजारा करने वाली 91 साल की संतोषी देवी का निधन हो गया है। हरिद्वार पुलिस ने खड़खड़ी श्मशान घाट उनका अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से किया। संतोषी देवी ने सोमवार सुबह अंतिम सांस ली। संतोशी देवी पिछले दिनों चर्चा में थीं। दरअसल हरिद्वार के कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने उनसे पेंशन लगवाने का वादा किया था लेकिन साल भार बाद भी नहीं लगी। इसका वीडियो भी IAS दीपक रावत के यूट्यूब पर मौजूद है। ईटीवी भारत ने इस पर रिपोर्ट प्रकाशित की और दीपक रावत को उनका वादा याद दिलाया। उन्होंने जीवन के आखिरी पड़ाव में वृद्धावस्था पेंशन की मांग की थी, जो आखिर तक अधूरी ही रही। दीपक रावत के मुताबिक संतोषी देवी के उत्तर प्रदेश निवासी होने की वजह से यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी। ईटीवी भारत के मुताबिक उनके निधन की खबर सुनकर दीपक रावत ने भी दुख व्यक्त किया और उन्होंने कहा मुझे इस बात का दुख रहेगा कि मैं उनकी पेंशन नहीं दिलवा पाया, भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। संतोषी देवी हरकी पैड़ी पर थैले बेचकर अपना जीवन यापन करती थी। वह हरिद्वार के रैन बसेरे में ही रहती थी। संतोषी देवी का इस दुनिया में कोई नहीं था। उम्र के आखिरी पड़ाव में उनका चलना फिरना भी बहुत मुश्किल हो गया था, जिस कारण वह वृद्धा पेंशन की मांग कर रही थी।