कैबिनेट मंत्री कौशिक ने स्वीकार किया सिसोदिया का बहस का निमंत्रण

कैबिनेट मंत्री कौशिक ने स्वीकार किया सिसोदिया का बहस का निमंत्रण
कैबिनेट मंत्री कौशिक ने स्वीकार किया सिसोदिया का बहस का निमंत्रण

उत्तराखण्ड मॉडल के साथ सार्वजनिक बहस करने को तैयार है भाजपा सरकार: मदन कौशिक
हरिद्वार। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दिल्ली मॉडल पर बहस के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए उन्हें पत्र लिखा है। पत्र में नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए मदन कौशिक ने उत्तराखंड भाजपा और प्रदेश सरकार दिल्ली मॉडल को सामने रखते हुए उत्तराखंड मॉडल के साथ सार्वजनिक बहस के निमंत्रण का स्वागत करती है। पत्र में कहा गया है कि बहस से पूर्व कुछ बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। अन्ना हजारे द्वारा खड़े किए गए भ्रष्टाचार विरोधी जिस आंदोलन से आम आदमी पार्टी का उदय हुआ। आप उन मूल्यों से बहुत दूर आ गई है। खुद अन्ना हजारे आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार की गतिविधियों को खारिज कर चुके हैं।

इतना ही नहीं उस समय के सभी प्रमुख नेताओं को बाहर निकाल कर आप यह साबित कर चुकी है कि आप पार्टी एक व्यक्ति पर आधारित है जिसका कोई राजनीतिक दर्शन नहीं है। आप उस ईमानदारी और मूल्यबोध से बहुत दूर हो चुके हैं। जो अन्ना आंदोलन के दौरान बढ़.चढक़र प्रचारित की गई थी।

पत्र में सिलसिलेवार तरीके से कई मुद्दों को रखते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली मॉडल को चुनौती दी गयी है। पत्र में आगे कहा गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के सात साल में दिल्ली की जनता देख चुकी है कि आप सेलर ऑफ होप हैं। आप उम्मीदों और सपनों को बेचने वाले व्यापारी की तरह व्यवहार करते हैं। जहां तक उत्तराखंड की बात है तो यहां हर साल करोड़ों पर्यटक आते हैं। उत्तराखंड को आप जैसे टूरिस्ट पॉलीटिशियन का स्वागत करने में भी कोई हिचक नहीं है। और जो सार्वजनिक चर्चा अथवा बहस का प्रश्न है राजनीति एक गंभीर विषय है। यह किसी थिएटर का शो नहीं है।

आपको यह स्मरण कराना चाहता हूं कि उत्तराखंड की धरती सच्चे आंदोलनों की धरती है। उत्तराखंड का हर व्यक्ति विकास केंद्रित राजनीति और उसके गंभीर पहलुओं से अच्छी तरह वाकिफ है। आम आदमी पार्टी के विषय में पूरा देश जानता है कि आपका पूरा नेतृत्व एक पलायनवादी मानसिकता का शिकार है। कभी आप दिल्ली छोडक़र यूपी चले जाते हैं। कभी आपके नेता पंजाब में मुख्यमंत्री बनने पहुंच जाते हैं और अब उन्हें उत्तराखंड आने का शौक लगा है। उत्तराखंड कि धरती हमेशा ही मेहमानों का स्वागत करती है लेकिन यह उम्मीद भी करती है कि मेहमान किसी उतावलेपन का शिकार ना हो। आपके व्यवहार और आपकी टिप्पणियों में एक गहरी हताशा और राजनीतिक जल्दबाजी साफ दिखाई देती है। पत्र में मदन कौशिक ने कहा है कि उत्तराखंड की जनता राजनीतिक रूप से बहुत ही परिपक्व और अनुभवी है इसलिए वह किसी मौसमी व्यक्ति के बरगलाने में नहीं आएगी।

जहां तक डिबेट का प्रश्न है उत्तराखंड भाजपा का कोई नेता अथवा मंत्री ही नहीं पार्टी का छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी आपके साथ मजबूती के साथ मुद्दा आधारित राजनीतिक बहस कर सकता है। आपने शिक्षा स्वास्थ्य बिजली पानी रोजगार समग्र विकास जैसे बिंदुओं को सामने रखकर दिल्ली मॉडल की चर्चा की है। यहां कुछ बातें आपके सामने रखना उचित होगा। आपकी सरकार ने दिल्ली में 400 नई लाइब्रेरी खोलने की घोषणा की थी इनमें अभी तक एक चैथाई भी नहीं खुल पाई हैं।

दिल्ली में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार घट रही है जबकि आपकी सरकार बच्चों से उनके अभिभावकों और परिजनों के मोबाइल नंबर आदि ब्यौरा भरवाने में व्यस्त है ताकि इन सूचनाओं का राजनीतिक उपयोग किया जा सके। ऐसा किया जाना चिंताजनक है। आम आदमी पार्टी सरकार को बताना चाहिए कि बीते 7 साल में आप ने दिल्ली में कितने डिग्री कॉलेज कितनी नई यूनिवर्सिटी और कितने मेडिकल कॉलेज शुरू किए हैं आपके पास जो भी आंकड़े हों उन आंकड़ों की तुलना उत्तराखंड से कर लीजिएगा तो आपको सही उत्तर मिल जाएगा कि आपका शिक्षा का मॉडल कितना झूठा है।

यह चिंता की बात है कि देश की राजधानी दिल्ली को आपकी सरकार की लापरवाही के कारण कोरोना के समय में बेहद बुरा दौर देखा है। जैसे ही दिल्ली में कोरोना का फैलाव आरंभ हुआ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने खुद को आइसोलेट कर लिया। यह नेतृत्व का साफ.साफ पलायन था। यदि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली को बचाने के लिए व्यक्तिगत रूप से पहल न की होती तो आज राजधानी की स्थिति बहुत बदतर होती। आपको इस बात पर चिंता करनी चाहिए कि दिल्ली में कोरोना फिर से चिंताजनक रूप से फैल रहा है जबकि मेडिकल सुविधाओं की स्थिति खराब है। आपने जिन मोहल्ला क्लीनिको का जमकर प्रचार किया उन पर अब ताले लग चुके हैं। फिर भी आप बढ़-चढक़र दावे कर रहे हैं।