गंगा रक्षा के लिए आमरण अनशन पर बैठे स्वामी आत्मबोधानंद का वजन 8 किलो घटा

गंगा रक्षा के लिए आमरण अनशन पर बैठे स्वामी आत्मबोधानंद का वजन 8 किलो घटा
गंगा रक्षा के लिए आमरण अनशन पर बैठे स्वामी आत्मबोधानंद का वजन 8 किलो घटा

हरिद्वार: गंगा रक्षा समेत अन्य मांगों के लिए आमरण अनशन पर बैठे मातृ सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का वजन सात किलो घट गया है। इसके बाद भी वह अनशन पर डटे हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक गंगा रक्षा की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।उधर, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भी वीडियो संदेश भेजकर आत्मबोधानंद के आंदोलन का समर्थन किया है। उनका कहना है कि मातृ सदन की मांगें वाजिब हैं और सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने 23 फरवरी से जगजीतपुर स्थित मातृ सदन में गंगा रक्षा से जुड़ी कई मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया था। कुछ दिन तक वह नमक, नींबू और शहद के साथ जल भी ग्रहण कर रहे थे। आठ मार्च को उन्होंने जल ग्रहण करना भी छोड़ दिया था। उनके आंदोलन को 18 दिन हो गए हैं। 27 फरवरी को पहली बार उनका मेडिकल परीक्षण किया गया था और उस दिन उनका वजन 63 किलोग्राम था।
शुक्रवार को चिकित्सकों ने मेडिकल जांच की तो उनका वजन 56 किलोग्राम रह गया। शुक्रवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि उनके आश्रम से जुड़े श्रीनगर के कुछ लोग मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के पास गए थे और आंदोलन को लेकर वार्ता करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि तीरथ सिंह रावत को त्रिवेंद्र सिंह रावत से हटकर कार्य करना होगा, तभी जाकर वह सफल हो सकेंगे।उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन हाईकोर्ट में टेंट लगाने से लेकर अन्य बातें गलत प्रस्तुत कर रहा है। वह हाईकोर्ट को सही जानकारी देंगे।  मातृ सदन की सुरक्षा को लेकर की जा रही धोखाधड़ी के मामले में भी कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा।