उत्तराखंड: पर्यटकों के दो वाहन हादसे के शिकार, 5 पर्यटकों की मौत, 10 घायल

उत्तराखंड: पर्यटकों के दो वाहन हादसे के शिकार, 5 पर्यटकों की मौत, 10 घायल
उत्तराखंड: पर्यटकों के दो वाहन हादसे के शिकार, 5 पर्यटकों की मौत, 10 घायल

बागेश्वर:उत्तराखंड में मुनस्यारी से कौसानी आ रहे सैलानियों के दो वाहन कपकोट के जसरौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए। हादसे में तीन महिलाओं समेत पांच बंगाल के सैलानियों की मौत हो गई जबकि 10 लोग घायल हो गए। घायलों में दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों में दंपती भी शामिल है। बताया जा रहा है कि ब्रेक फेल होने से पीछे चल रहे टेंपो ट्रैवलर ने आगे चल रहे टेंपो ट्रैवलर को टक्कर मार दी। टक्कर मारने वाला वाहन खाई में जा गिरा जबकि आगे चल रहा वाहन सड़क पर पलट गया। 
कपकोट थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुनस्यारी से तीन टेंपो ट्रैवलर वाहनों में बंगाल के सैलानी कौसानी आ रहे थे। वाहन बुधवार दोपहर करीब दो बजे कपकोट से करीब छह किमी दूर जसरौली के पास पहुंचे ही थे कि पीछे से आ रहे टेंपो ट्रैवलर (यूके 04 पीए 1376) ने आगे चल रहे टेंपो ट्रैवलर (यूके 04 पीए 1755) को टक्कर मार दी। टक्कर मारने वाला वाहन करीब 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरा, जबकि आगे चल रहा वाहन सड़क पर पलट गया।
खाई में गिरे वाहन में सवार तीन महिलाओं समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों का मौके पर जमावड़ा लग गया। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से शवों और घायलों को खाई से निकाला। घायलों को कपकोट के सीएचसी में भर्ती किया गया। 
हादसे की सूचना के बाद विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी, नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट, सभासद तनुज तिरुवा, एसडीएम पारितोष वर्मा ने कपकोट सीएचसी पहुंचकर घायलों का हाल जाना। 
कपकोट से शामा तक की सड़क काफी संकरी है। सड़क में कहीं पर भी क्रश बैरियर नहीं है। क्रश बैरियर होते तो बुधवार को घटी घटना में जानमाल का नुकसान कम हो सकता था। पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने हादसे पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन को सड़कों के निर्माण के साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। सड़कों के किनारे बैरियर और जगह-जगह पर स्पीडब्रेकरों का निर्माण करना चाहिए। 
कपकोट में बीते आठ दिनों में बंगाल के सैलानियों को दूसरी बार हादसे का शिकार होना पड़ा है। 20 अक्तूबर को सुंदरढूंगा की ट्रैकिंग पर गए पांच बंगाली ट्रैकरों की मौत हो गई थी। बुधवार की घटना में भी उतने ही बंगाल के सैलानी हादसे का शिकार हुए हैं।