त्रिवेन्द्र सरकारने दी पौने दो लाख गन्ना किसानों को भारी राहत

त्रिवेन्द्र सरकारने दी पौने दो लाख गन्ना किसानों को भारी राहत
CM Trivendra Singh Rawat (File Pic)

देहरादून: कोरोना संकट में भी गन्ना किसानों को पूरा भुगतान कर त्रिवेंद्र सरकार ने किसाद हितैषी होने का दावा सच कर दिखाया। इससे प्रदेश के पौने दो लाख किसानों को इस आपदाकाल में बड़ी राहत दी है। इससे किसानों को राहत के नाम पर राजनीति करने वाले  विरोधियों में बड़ी बेचैनी हो रही है। दरअसलअपनी सरकार को अस्थिर करने की अफवाह फैलाने वालों को सीएम त्रिवेंद्र रावत बार -बार अपने कार्यों के जरिए जवाब दे रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम हरीश रावत भी सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की तारीफ कर चुके हैं। इस बार कोरोना संकट के गंभीर वित्तीय संकट के दौर में भी सरकारी चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के बकाया का शत प्रतिशत भुगतान कर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इतिहास रच दिया है। सीएम त्रिवेंद्र ने बुधवार को 193.24 करोड़ का बजट मंजूर कर राज्य के पौने दो लाख गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी।

बड़ी समस्या बना रहता था गन्ना भुगतान
अभी तक हर सरकार के लिए गन्ना किसानों का बकाया भुगतान एक बड़ी समस्या बना रहता था। इस बार सरकार ने कोरोना संकट के दौर के बावजूद न सिर्फ रिकॉर्ड पिराई की। बल्कि शत प्रतिशत भुगतान भी कर दिया है। अब सरकारी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया शून्य हो जाएगा। गन्ना किसानों पर 1316 करोड़ बकाया था। 930 करोड़ रुपये सरकारी मिले अपने स्रोतों से पहले ही भुगतान कर चुकी थी। इसके बाद सरकारी मिलों पर 193 करोड़ के करीब बकाया था। इसे भी सरकार ने मंजूर कर मिलों समेत गन्ना किसानों की बड़ी मांग पूरी कर दी है। अब सिर्फ प्राइवेट मिलों का 180 करोड़ बकाया है। जबकि पिराई का अभी काफी समय शेष बचा है। पिछले वर्ष अभी तक 1170 करोड़ की पिराई हुई थी। इस बार 1316 करोड़ की पिराई हो चुकी है। सरकारी चीनी मिलों बाजपुर, किच्छा, जसपुर नादेही, डोईवाला से जुड़े किसानों का पूरा भुगतान अब हो जाएगा।


"गन्ना किसानों को समय पर उनकी उपज का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। सरकार का उद्देश्य किसानों की हितो की रक्षा करना है। गन्ना उत्पादन से किसानों की आय कैसे बढ़ायी जाय इस पर भी ध्यान दिये जाने की जरूरत है। राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के स्तर से गन्ना किसानों को समय पर भुगतान हो, इसके लिए चीनी मिलों को अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत किए जाने पर ध्यान देना होगा, ताकि भविष्य में चीनी मिलों के स्तर पर ही किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके।"
त्रिवेंद्र रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड