बेनीताल बुग्याल: यूकेडी ने उखाड़े निजी कब्जे के बोर्ड, प्रशासन ने बताया निजी संपत्ति

बेनीताल बुग्याल: यूकेडी ने उखाड़े निजी कब्जे के बोर्ड, प्रशासन ने बताया निजी संपत्ति
बेनीताल बुग्याल: यूकेडी ने उखाड़े निजी कब्जे के बोर्ड, प्रशासन ने बताया निजी संपत्ति

गोपेश्वर: बेनीताल बुग्याल पर निजी संपत्ति के बोर्ड को लेकर चमोली जिले में सियासत तेज हो गई है। उत्तराखंड क्रांति दल ने जहां विरोध कर बोर्ड को उखाड़कर फेंक दिया, वहीं प्रशासन के निर्देश पर राजस्व टीम ने मौके का निरीक्षण कर संबंधित भूमि को निजी संपत्ति बताया है। पिछले दिनों राज्य आंदोलनकारी मुकुंद कृष्णदास उर्फ मनोज ध्यानी ने बेनीताल बुग्याल पर कथित रूप से निजी कब्जा होने का खुलासा शोसल मीडिया के माध्यम से किया था। उन्होंने वीडियो व फोटो के जरिए इस भूमि पर लगे निजी संपत्ति के बोर्ड पर आपत्ति दर्ज की थी तथा दावा किया गया था कि बुग्याल तक जाने वाली कच्ची सड़क को भी ध्वस्त किया गया है। फोटो व वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद कर्णप्रयाग तहसील प्रशासन ने मौके पर राजस्व उप निरीक्षक कोटी देवेंद्र कंडारी के नेतृत्व में टीम भेजी थी। राजस्व टीम ने जिस भूमि पर निजी भूमि का बोर्ड चस्पा किया गया है, उसका राजस्व रिकार्ड के अनुसार स्थलीय निरीक्षण किया।ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: इस स्वीमिंग पूल की खूबसूरती पर मुग्ध हुए आनंद महिंद्रा, आना चाहते हैं देखने

एसडीएम कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता ने बताया कि राजस्व उप निरीक्षक की रिपोर्ट में संबंधित भूमि का मालिक राजीव सरीन बंधुओं के नाम दर्ज है, जबकि सरकारी भूमि पर कोई निजी भूमि का बोर्ड नहीं लगाया गया है। कहा कि संबंधित भूमि पर सूचना पट्ट तोड़ने का मामला भूस्वामी का निजी है। अगर वह तहरीर देता है तो मामले की जांच कराई जाएगी।
बेनीताल बुग्याल में शोसल मीडिया पर वायरल वीडियो व तस्वीरों के बाद कथित कब्जे के खिलाफ उक्रांद ने मुहिम छेड़ी है। दल के नेता उमेश खंडूड़ी व जीएल शाह के नेतृत्व में कार्यकत्र्ताओं ने बेनीताल पहुंचकर संबंधित भूमि से निजी संपत्ति का बोर्ड उखाड़कर फेंका है। खंडूडी का कहना है कि बेनीताल बुग्याल आसपास के गांवों की गौचर भूमि है। इस पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की कमी से 1600 हेक्टेयर जमीन भू माफिया के हाथ में गई है। उक्रांद मामले को लेकर जनांदोलन करेगा।